गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से शुरू हो रहे हैं। जिसमें विशेष पूजा-अर्चना होगी। इसके साथ ही बसंत पंचमी तिथि 29 और 3० जनवरी को पड़ रही है। इस बार बसंत पचंमी स्वराशि संयोग में मनेगी। इस दिन मंगल वृश्किल में, गुरु धनु में और शनि मकर राशि में रहेंंगे। इस दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। बसंत पंचमी पर जिले में कई जगह सामूहिक विवाह समारोह आयोजित होंगे।
बसंत पंचमी पर ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। वहीं विद्यार्थी इस दिन किताब कॉपी और पाठ्य सामग्री की भी पूजा भी करते हैं। इसी दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिए शुभ माना जाता है।
वर्ष में चार बार आती है नवरात्र
पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा के अनुसार इस बार माघ शुक्ल के गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से 3 फ रवरी तक होंगे। इस दौरान विशेष पूजा अनुष्ठान होंगे। वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। इनमें माघ शुक्ल पक्ष और आषाढ़ शुक्ल में गुप्त नवरात्रि पर्व आते है। गुप्त नवरात्रि में विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दौरान देवी भगवती के साधक कड़ेे नियम के साथ जप तप व्रत और साधना करते हैं। इसमें विशेष तरह की इच्छा की पूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है।
दो दिन रहेगी बसंत पंचमी
पंडित शर्मा के अनुसार वैवाहिक जीवन के लिए सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बनेगा, जो परिणय सूत्र में बंधने के लिए श्रेष्ठ है।हिन्दू पंचागों में इस बार बसंत पंचमी 29 और 30 जनवरी को मनेगी। पंचमी तिथि बुधवार सुबह 10.46 बजे से शुरू होगी जो गुरुवार दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। धर्मशास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी पर्व 29 जनवरी को मानना श्रेष्ठ होगा।उन्होंने बताया कि इस बार सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की चाल बसंत पंचमी को खास बना रही है। इस बार तीन ग्रहों का स्वराशि योग बन रहा है। इसमें मंगल वृश्चिक में गुरु धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे। इस दिन विवाह कार्यों के लिए अति शुभ माना गया है।
इधर, शनि का मकर राशि में प्रवेश है दुर्लभ संयोग
गुना. ज्योतिषीय कालगणना के अनुसार नवग्रह, 27 नक्षत्रों के द्वादश राशियों में प्रवेश -भ्रमण अर्थात परिवर्तन से प्रत्येक प्राणी प्रभावित होता है।शनि के राशि परिवर्तन से गोचरीय फल अनुरूप प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कई उतार-चढ़ाव, लाभ-हानि, यश-अपयश की स्थिति अवश्य बनती है। आचार्य वाचस्पति शुक्ल संस्कृत वेद विद्यालय आवन के अधिष्ठाता आचार्य पंडित बेनी प्रसाद वशिष्ठ ने बताया कि 24 जनवरी मौनी अमावस्या शुक्रवार सुबह 9.52 पर शनिदेव अपनी समराशि धनु से निकलकर मकर में प्रवेश करेंगे। 12 में से सात राशियों के व्यक्तियों को शुभाशुभ फल प्रदान करेंगे।
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