शिवपुरी. पोहरी विधानसभा के ग्राम कालामढ़ में शासकीय भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाए और दो लोगों ने अपने नाम से पट्टा आवंटित करवा लिया। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार के रीडर सहित एक पटवारी भी शामिल था। शनिवार को इस मामले में नायब तहसीलदार रामनिवास धाकड़ की रिपोर्ट पर पटवारी व दो रीडर सहित पांच लोगों के खिलाफ बैराड़ थाने में धारा 420 के तहत प्रकरण दर्जकर लिया है।
बैराड़ के ग्राम कालामढ़ निवासी प्रदीप पुत्र कालीचरण सोनी व सतीश पुत्र रामचरण योगी ने तत्कालीन एसडीएम रीडर (रिकार्ड रूम प्रभारी) गंगाराम पवार निवासी करैरा, तहसीलदार रीडर (रिकार्ड रूम प्रभारी) कैलाशनारायण बरोदिया निवासी पोहरी व तत्कालीन कालामढ़ पटवारी देवेंद्र गौड़, के साथ मिलकर कालामढ़ के सर्वे क्रमांक 540 रकवा 1.19 हेक्टेयर (लगभग 6 बीघा) के फर्जी दस्तावेज तैयार करवा कर योगी व सोनी ने पट्टा अपने नाम करवा लिया। यह पूरा काम फर्जी दस्तावेज के आधार पर किया, इसलिए बाद में राजस्व विभाग ने उक्त पट्टे को रिकार्ड में अमल नहीं किया, क्योंकि उसमें वो भूमि शासकीय दर्ज है।
इस मामले की जब जांच की गई तो पता चला कि सन् 1990-91 में जब पट्टा दिया था, तब प्रदीप सोनी ने उम्र 47 वर्ष व सतीश ने उम्र 30 साल दर्ज कराई, उस दौरान प्रदीप की उम्र 17 वर्ष व सतीश की उम्र 7 वर्ष थी। इतना ही नहीं उक्त 6 बीघा पर खेती करना बताया गया, जबकि वह जमीन पठार है। जांच में मामला सामने आने के बाद दस्तावेजों की पड़ताल की गई तो धोखाधड़ी सामने आई। नायब तहसीलदार रामनिवास धाकड़ की रिपोर्ट पर तत्कालीन एसडीएम रीडर गंगाराम पवार, तहसीलदार रीडर कैलाश नारायण बरोदिया, तत्कालीन पटवारी देवेंद्र गौड़ के अलावा प्रदीप सोनी व सतीश योगी के खिलाफ बैराड़ थाने में धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। इसमें दोनों रीडर रिटायर हो चुके हैं, जबकि पटवारी अभी पिछोर में पदस्थ है।
कलेक्टर के खिलाफ लगाया था कंटेप्ट
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाया गए पट्टे को राजस्व रिकार्ड में अमल न कराए जाने पर प्रदीप सोनी व सतीश योगी ने अपने फर्जी दस्तावेज के आधार पर हाईकोर्ट ग्वालियर रिट लगाई थी कि हमारा पट्टा राजस्व रिकार्ड में अमल में लाया जा रहा। इस मामले में न्यायालय ने कलेक्टर को आदेश दिए थे कि उक्त पट्टा रिकार्ड में अमल किया जाए। इस मामले में न्यायालय में कंटेप्ट भी लगाया था।
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