उन्होंने सरकार पर विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रों, युवाओं और किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन समस्याओं से निपटने की बजाय देश का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जनता समझती है कि मोदी आर्थिक मोर्चे, रोजगार, युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने में असफल हो गए हैं ऐसे में युवाओं की आवाज उठना जायज है। इसे दबाया नहीं जाना चाहिए बल्कि सरकार को इसे सुनना चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले छह साल से खराब आर्थिक स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की दशा की तरफ केन्द्र सरकार का कोई ध्यान नहीं है। ये तमाम बातें सरकार की प्राथमिकता में नहीं आती हैं। इससे ध्यान हटाने के लिए देश को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। विवादित मुद्दे ला रहे हैं जिससे लोग आपस में ही झगड़ते- लड़ते रहें।
विपक्षी दलों की बैठक में द्रमुक समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नहीं आने पर आजाद ने कहा कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए के मुद्दे पर ये पार्टियां भी कांग्रेस के साथ हैं। बैठक में शामिल होने या नहीं होने कोई अंतर नहीं पड़ता।
0 टिप्पणियाँ