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साइकिल कंपनी एटलस के मालिक की पत्नी ने खुदकुशी की, पंखे से लटका मिला शव

सांकेतिक तस्वीर
साइकिल कंपनी एटलस के मालिकों में से एक संजय
 कपूर की पत्नी नताशा कपूर (57) की संदिग्ध हालात
 में मौत हो गई. दिल्ली पुलिस शुरुआती जांच में इसे 
खुदकुशी बता रही है. मगर कमरे का दरवाजा खुले
 की होने की वजह से पुलिस इसे संदिग्ध मानकर कई
 एंगल से जांच कर रही है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के औरंगजेब लेन स्थित
 कोठी में उनका शव पंखे से लटका मिला. पुलिस के 
मुताबिक नताशा कपूर ने अपने सुसाइड नोट में 
लिखा कि वह अपनी जिंदगी से खुश नहीं थी. 
अधिकारियों का मानना है कि आर्थिक तंगी भी 
खुदकुशी की वजह हो सकती है. नई दिल्ली जिले
 की तुगलक रोड थाना पुलिस मामले की जांच 
कर रही है. बुधवार को नताशा कपूर का पोस्टमॉर्टम 
आरएमएल अस्पताल में कराया गया.
पोस्टमॉर्टम के बाद नताशा कपूर के शव को परिजनों 
को सौंप दिया गया. बुधवार को लोधी रोड स्थित 
श्मशान घाट में नताशा कपूर का अंतिम संस्कार किया 
गया. बताया जा रहा है कि संजय कपूर का परिवार दिल्ली
 के औरंगजेब लेन में रहता है. संजय कपूर भी यहीं 
परिवार के साथ रहते हैं.
पंखे से लटका मिला नताशा कपूर का शव
मंगलवार दोपहर जब उनकी पत्नी नताशा कपूर ने लंच 
नहीं किया, तो परिवार के सदस्य उनको ढूढ़ने लगे.
 संजय कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर ने फोन किया, तो 
नताशा कपूर ने फोन भी नहीं उठाया. इसके बाद नताशा
कपूर का शव एक कमरे में चुन्नी के फंदे  से पंखे से लटका 
मिला. परिजनों ने चुन्नी काटकर नताशा कपूर के शव 
को फंदे से नीचे उतारासके बाद डॉक्टर को बुलाया गया 
और डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. इसके बाद
 बेटे सिद्धांत कपूर ने मंगलवार शाम इसकी सूचना
 पुलिस को दी.
दिल्ली में बढ़ रहीं खुदकुशी की घटनाएं
पिछले कुछ समय से दिल्ली में खुदकुशी की घटनाओं में 
इजाफा देखने को मिला है. इससे पहले इसी महीने के 
पहले हफ्ते में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक शख्स के
 फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. दिल्ली पुलिस
 को शख्स का शव बुराड़ी इलाके में पंखे से लटका मिला
 था.
पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर गई थी और 
शव को फंदे  से नीचे उतारा था. दिल्ली पुलिस ने
 जब कमरे
             
 को खंगालना शुरू किया, तो उसकी नजर दीवारों पर
 गई
. दीवार पर लिखा हुआ था कि 'जीवन का अंतिम लक्ष्य
मृत्यु है.' इसके अलावा दीवार पर यह भी लिखा मिला था-
 जो लोग इज्जत नहीं देते हैं, उनके साथ खड़े होने की
 बजाय अकेले रहना ज्यादा अच्छा है.

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