टाटा ने कहा है कि अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण और मामले के रिकॉर्ड के विरुद्ध है तथा इस तरह की टिप्पणियों को निरस्त किया जाना चाहिए। करीब छह दशक तक कंपनी से जुड़े रहने वाले टाटा ने अपनी याचिका में कहा है कि एनसीएलएटी ने बगैर तथ्यों एवं बिना किसी आधार के उन्हें दोषी ठहराया है, जो अनुचित है।
गौरतलब है कि टाटा सन्स ने एनसीएलएटी के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को चुनौती दी थी, जिसमें सायरस को कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर बहाल करने का आदेश दिया गया है।