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एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ रतन टाटा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली। सायरस मिस्त्री को बहाल करने को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले को टाटा सन्स द्वारा उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिये जाने के एक दिन बाद जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने भी शुक्रवार को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा ने व्यक्तिगत क्षमता में यह याचिका दायर की है तथा एनसीएलएटी की ओर से उनके बारे में की गयी टिप्पणियों को निरस्त करने की मांग की है।
टाटा ने कहा है कि अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण और मामले के रिकॉर्ड के विरुद्ध है तथा इस तरह की टिप्पणियों को निरस्त किया जाना चाहिए। करीब छह दशक तक कंपनी से जुड़े रहने वाले टाटा ने अपनी याचिका में कहा है कि एनसीएलएटी ने बगैर तथ्यों एवं बिना किसी आधार के उन्हें दोषी ठहराया है, जो अनुचित है।
गौरतलब है कि टाटा सन्स ने एनसीएलएटी के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को चुनौती दी थी, जिसमें सायरस को कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर बहाल करने का आदेश दिया गया है।