तोमर ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पाद प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। प्रकृति के अन्य स्त्रोतों की तरह इसकी उपलब्धता भी सीमित है। इसलिए आने वाली पीढ़ियों कि लिए इसका संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पेट्रोलियम उत्पादों के बिना जीवन कैसा होगा, यह सोचना भी कठिन है। देश-विदेश के वैज्ञानिक ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों को तलाशने में जुटे हैं। उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है लेकिन ईंधन के रूप में पेट्रोलियम उत्पादों का पूर्ण विकल्प मिलना आसान नहीं दिखता।
तोमर ने कहा कि ईंधन की बचत करके ही हम इस अमूल्य धरोहर को आने वाली पीढ़ी को सौंप सकते है। तोमर ने उपस्थित जन-समुदाय को ईंधन बचाने की शपथ दिलाई।
पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन द्वारा आगामी 15 फरवरी तक यह महोत्सव पूरे देश में एक साथ मनाया जा रहा है। महोत्सव के अन्तर्गत ईंधन को बचाने के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
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