सृष्टि का तो ये नियम ही है कि जो इस दुनिया में आया है उसे एक न एक दिन जाना ही पड़ेगा। चाहे वह अमीर हो या गरीब, सभी को अपना शरीर त्यागना ही पड़ता है।
पोस्टमॉर्टम क्यों किया जाता है
कई बार प्राकृतिक कारणों की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है तो ऐसे हालात में मौत के बाद उसकी मौत के वजहों को पता लगाने के इरादे से ये जांच की जाती है। किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाता है। हालांकि पोस्टमॉर्टम के वक्त डॉक्टर कुछ ऐसी चीजें भी करते हैं जो लोगों को नहीं बताई जाती है।
क्यों करहाने लगती है लाशें:
पोस्टमॉर्टम के दौरान लाशें चीख पड़ती है। इसके पीछे वजह है कि बॉडी के अंदर मौजूद बैक्टीरिया गैस बनाते हैं। जिसके कारण बॉडी के वोकल मसल्स में खिंचाव आता है। इसकी वजह से डेड बॉडी कराहने और चीखने लगती है। ये बात डॉक्टर लोगों को कभी नहीं बताते क्योंकि ऐसी स्थिति में मृत इंसान के परिजन अपना आपा भी खो सकते हैं। परिजनों को लगेगा कि मृत इंसान में अभी भी जान है।
पोस्टमॉर्टम में क्या करते है
पोस्टमॉर्टम के वक्त लाश को नंगा किया जाता है, लाश को नंगा कर उसके अंगों की बारीकी से जांच की जाती है। वहीं अक्सर महिलाओं का शवों का पोस्टमॉर्टम पुरुष डॉक्टर के जरिए ही किया जाता है। ऐसा तब होता है जब पोस्टमॉर्टम की कोई विशेषज्ञ महिला डॉक्टर नहीं होती है।और बॉडी के पार्ट कि बारीकी से जांच होती है
पोस्टमॉर्टम क्यों किया जाता है
कई बार प्राकृतिक कारणों की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है तो ऐसे हालात में मौत के बाद उसकी मौत के वजहों को पता लगाने के इरादे से ये जांच की जाती है। किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाता है। हालांकि पोस्टमॉर्टम के वक्त डॉक्टर कुछ ऐसी चीजें भी करते हैं जो लोगों को नहीं बताई जाती है।
क्यों करहाने लगती है लाशें:
पोस्टमॉर्टम के दौरान लाशें चीख पड़ती है। इसके पीछे वजह है कि बॉडी के अंदर मौजूद बैक्टीरिया गैस बनाते हैं। जिसके कारण बॉडी के वोकल मसल्स में खिंचाव आता है। इसकी वजह से डेड बॉडी कराहने और चीखने लगती है। ये बात डॉक्टर लोगों को कभी नहीं बताते क्योंकि ऐसी स्थिति में मृत इंसान के परिजन अपना आपा भी खो सकते हैं। परिजनों को लगेगा कि मृत इंसान में अभी भी जान है।
पोस्टमॉर्टम में क्या करते है
पोस्टमॉर्टम के वक्त लाश को नंगा किया जाता है, लाश को नंगा कर उसके अंगों की बारीकी से जांच की जाती है। वहीं अक्सर महिलाओं का शवों का पोस्टमॉर्टम पुरुष डॉक्टर के जरिए ही किया जाता है। ऐसा तब होता है जब पोस्टमॉर्टम की कोई विशेषज्ञ महिला डॉक्टर नहीं होती है।और बॉडी के पार्ट कि बारीकी से जांच होती है
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