देश में सिर्फ एक ही समस्या मुख्य रूप से चल रही है वह है आर्थिक स्थिति का खराब होना तो दोस्त पूरे दुनिया की स्थिति मंदी के दौर से गुजर रही है तो ऐसे में सभी लोग यह जानते हैं कि मंदी वैश्विक कारणों के वजह से भी है तो ऐसे में उनके पास कहने के लिए यह बात रहेगी .
दूसरी बात हमारे देश में बेरोजगारी अत्यधिक गति से बढ़ रही है तो इसके लिए सरकार नहीं बल्कि हम लोगों की बच्चा फैक्ट्री जिम्मेदार हैं हम बिना सोचे समझे हद से ज्यादा संतानें पैदा कर रहे हैं तो एक निश्चित रिसोर्सेज के अंदर आप सभी लोगों को रोजगार या नौकरी कैसे दे सकते हैं इसके लिए सरकार से ज्यादा हमारे देश की जनता जिम्मेदार हैं.
बाकी मोदी जी ने अपने राज्य के अंदर धारा 370 मंदिर जैसे मुद्दों को सुलझा दिया है जो कि पिछले 50 साल से गले की हड्डी बने हुए थे.
गरीबों के लिए भी उन्होंने काफी कुछ किया है प्रॉब्लम सबसे बड़ी हमारे यहां पर यह आ रही है कि हमारी जो सरकारी मशीनरी है जिसे हम सरकारी अधिकारी या कर्मचारी कहते हैं वह अत्यधिक भ्रष्ट हैं वह काम जल्दी से करना नहीं चाहते हैं इसका भी असर देश के ऊपर हैं.
हमने यह मान लिया कि देश के अंदर सब कुछ गलत हो रहा है तो अब मोदी की जगह पर किसे हम देश का प्रधानमंत्री चुने तो यहां पर भी सामने दूर-दूर तक कोई भी ऑप्शन नजर नहीं आ रहा है जो लोग मोदी को पसंद नहीं कर रहे हैं उनके सामने भी कोई दूसरा ऑप्शन नजर नहीं आ रहा है तो ऐसे में मोदी को हराने वाला कौन है.
देश के अंदर सबसे बड़ी समस्या यही है कि मोदी का विकल्प हमारे देश के अंदर नहीं है. यही मोदी सरकार की सबसे बड़ी जीत है.
क्या आप देश के अंदर उन लोगों को जिताना चाहोगे जो मात्र अपने अपने क्षेत्र के बारे में भी ढंग से नहीं जानते. वह देश के बारे में क्या निर्णय ले पाएंगे जब 20 लोगों को आप प्रधानमंत्री की कुर्सी देंगे तो वह आपस में ही लड़ मरेंगे तो ऐसे लोग क्या देश के अंदर एक स्थाई और अच्छी सरकार दे पाएंगे.
20 दलों की सरकार जो कि महागठबंधन के नाम से है चुनाव लड़ने की कोशिश करते हैं.
20 दलों की सरकार जो कि महागठबंधन के नाम से है चुनाव लड़ने की कोशिश करते हैं जब प्रधानमंत्री पद की बात आएगी तो फिर क्या हाल होगा जो अपने राज्य की नीति को निर्धारित नहीं कर पाते हैं वह लोग देश की विदेश की नीति को क्या बनाएंगे देश को चलाने के लिए एक सोच की आवश्यकता होती है जो लोग मुख्यमंत्री पद के भी ढंग से काबिल नहीं है उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाने का क्या मतलब यही बीजेपी सरकार की सबसे बड़ी जीत है मोदी की जीत है उनका ऑप्शन नहीं है
देश के अंदर 20 दलों की मिली जुली सरकार बनाने का मतलब है देश को फांसी के फंदे पर लटका देना.
अंदर दूसरा ऑप्शन है कांग्रेस तो पिछले 60 साल में कांग्रेस ने ऐसा क्या कर दिया है जिसकी वजह से उसे दोबारा लाया जाए. कांग्रेस के नाम के आगे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का भी लेबल लगा हुआ है.
वहां पर भी किसी काबिल व्यक्ति को ना बैठा कर परिवार के व्यक्ति को बढ़ाने की परंपरा है. अब वह व्यक्ति कितना काबिल है इस बात पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है बस वही बैठेंगे और वही सर्वदाता है तो ऐसे में देश की जनता को सोचने को मजबूर हो जाती है क्या करें.
अब मोदी 2024 का चुनाव जीते या हारे उनके समकक्ष कोई दूसरा व्यक्ति इस वक्त नजर नहीं आ रहा है और ऐसा भी नहीं लगता कि 4 साल में कोई करिश्मा होगा और कोई व्यक्ति पैदा हो जाएगा तो बताइए आप क्या करेंगे.
ठीक है मैं भी वह व्यक्ति हूं जिसे मोदी को वोट नहीं देना है अब आप यह बताइए मैं मोदी को वोट ना दूं तो किसे वोट दूं कौन दूसरा ऑप्शन है.
इस वक्त यह सच्चाई है कि कांग्रेस के पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो देश की बागडोर संभाल सके. अगर ऐसे व्यक्ति कांग्रेसमें होते भी हैं तो उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है.
दूसरा ऑप्शन है वाम दल जो काफी इंटेलिजेंट और टेक्निकली स्ट्रांग नजर आ रहे हैं
मान भी लिया जाए और चलो मान भी लिया जाए कि वाम दल पूरे देश में हैं और यह 300 जीत के बराबर सीट लाने की क्षमता रखते हैं.
तो पिछले 50 साल वामदलों ने पश्चिमी बंगाल पर शासन किया है तो आप पश्चिमी बंगाल की आर्थिक स्थिति देख सकते हैं. लोग उस वक्त भी वहां मजदूर थे और आज भी वहां मजदूर ही है.
वाम दल की पॉलिसी के अनुसार सभी लोगों को बराबरी का दर्जा प्राप्त होना चाहिए. ऐसे में वह किसी ऊंचे व्यक्ति को आदर्श मानकर सभी को उनके बराबर लाने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि उस ऊंचे व्यक्ति को खींचकर मजदूर बना देते हैं यही कारण है बंगाल बर्बाद है देश की आर्थिक राजधानी कोलकाता फटे हाल है तो क्या यह देश को फटे हाल नहीं कर देंगे.
एक बात तो हम करना भूल ही गए वाम दल के लोगों को आजकल स्वतंत्र भारत के अंदर भी आजादी चाहिए अब वह कौन से आजादी की मांग कर रहे हैं यह समझ से परे है.
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