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MP: कैदियों का सामान बेचने के लिए स्पेशल आउटलेट खोलेगी कमलनाथ सरकार

MP: कैदियों का सामान बेचने के लिए स्पेशल आउटलेट खोलेगी कमलनाथ सरकार
भोपाल. कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर, बर्तन, कंबल से लेकर साड़ियों तक की ब्रांडिंग की जाएगी. सरकार ने इसके लिए एक अलग फंड भी बनाया है. इस फंड का सीधा फायदा कैदियों को मिलेगा. जेल मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने बताया कि कैदियों के फंड (Fund for prisoners) के लिए वन टाइम व्यवस्था की गई है. ये फिक्स फंड होगा, जिसमें किसी दूसरे विभाग की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. अभी किसी काम को करने के लिए वित्तीय विभाग (Finance Department) की अनुमति लेना पड़ती थी. बाला बच्चन ने बताया कि पिछले साल 3 करोड़ रुपए का कैदियों का सामान बिका था. बाद में यह बिक्री तीन करोड़ से बढ़कर 5 करोड़ हो गई है. इसी 5 करोड़ की राशि का फंड बनाया गया है. इस फंड को बढ़ाने के लिए ही कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले प्रोडक्ट की बिक्री के लिए आउटलेट (Outlet) स्थापित किए जाएंगे.
स्पेशल प्रोडक्ट का हब बनेंगी जेलें
सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश की सेंट्रल जेलें स्पेशल प्रोडक्ट का हब बनेंगी. इन सब जेलों में विशेष प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके लिए एक स्थाई फंड भी जेल मुख्यालय स्तर पर बनाया गया है. जेल विभाग के अनुसार सेंट्रल जेल भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और सागर को विशेष उत्पादों के लिये हब के रूप में विकसित किया जाएगा. इन जेलों में उत्पादित सामग्री के विक्रय के लिये आउटलेट स्थापित करने पर बल दिया जा रहा है. इन सभी जेलों में उत्पादन और वित्तीय प्रबंधन के लिये योजना का अनुमोदन भी किया गया है.
स्पेशल प्रोडक्ट हब में बनेंगे ये सामान

>> भोपाल सेंट्रल जेल- फर्नीचर, कंबल, दरी, ऑफसेट प्रिटिंग
>> इंदौर सेंट्रल जेल- स्टील के बर्तन
>> उज्जैन सेंट्रल जेल- बेडशीट>> सागर सेंट्रल जेल- साड़ी
>> ग्वालियर सेंट्रल जेल- कंबल, ऑफसेट प्रिटिंग
>> जबलपुर सेंट्रल जेल- कंबल, बेडशीट, फर्नीचर
बीजेपी सरकार में भी हुई थी कोशिश
बीजेपी सरकार के दौरान जब कुसुम मेंहदेले जेल मंत्री हुआ करती थी, उस समय एक कान्हा ब्रांड जेल में बनने वाली सामग्री के लिए बनाया गया था. इसी ब्रांड के तहत मार्केट में कैदियों के सामान को बेचा जाता था. लेकिन यह स्क्रीम ज्यादा लंबे समय तक नहीं चली. कुछ ही महीनों बाद इस स्क्रीम को बंद कर दिया गया. अभी जेलों में कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले सामान को डिमांड के तहत बेचा जाता है. इसके लिए बाहरी व्यक्ति भी ऑर्डर कर सकता है. अधिकांश सामान जेल में ही खप जाता है. लेकिन यह पहली बार है, जब कैदियों द्वारा निर्मित स्पेशल उत्पाद को मार्केट में उतारने की प्लानिंग की गई है. कैदियों के स्पेशल प्रोडक्ट की ब्रांडिंग भी की जाएगी.

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