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मप्र: राज्यपाल से मिला भाजपा का प्रतिनिधिमंडल, बजट से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग


भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच शनिवार को दोपहर में भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल लालजी टण्डन से मुलाकात कर दो पन्नों का एक ज्ञापन सौंपा। भाजपा नेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से मौजूदा घटनाक्रम पर हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र से पहले ही कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होना चाहिये। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा एवं भूपेंद्र सिंह सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। इससे पहले शनिवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टण्डन से मुलाकात कर उन्हें दो पन्नों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 सदस्यों ने अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। इन विधायकों ने मीडिया में आकर अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली कमनलाथ की सरकार ने विधानसभा का विश्वास खो दिया है। अब उनके लिए राज्य में संवैधानिक तरीके से सरकार चलाना संभव नहीं है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार को  सत्र के पहले ही बहुमत साबित करने के लिए अपना फ्लोर टेस्ट करवाना चाहिए।
राज्यपाल से मुकाकात के बाद राजभवन से बाहर निकलने पर भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया से बातचीत की। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। अब बजट सत्र का कोई औचित्य नहीं है। सरकार विश्वास मत प्राप्त न करने के लिए साजिश कर रही है। राज्य में अराजकता का माहौल है। सरकार मामले को लंबा खींचना चाहती है। बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट होना चाहिये। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ऐसा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग को रोकना होगा। इससे लोकतंत्र का गला घोंटा जाएगा, राज्यपाल इसे रोकें। हमारे विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।
हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भोपाल में हमला किया गया। कांग्रेस को अब सरकार चलाने का हक नहीं है। राज्य में बहुमत प्राप्त सरकार का होना आवश्यक है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई को उचित बताया।
वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि एक अल्पमत सरकार राज्यपाल का अभिभाषण कैसे करवा सकती है। नैतिकता का यह तकाजा है कि पहले फ्लोर टेस्ट हो। राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह सरकार अल्पमत में है। 

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