भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले दो सप्ताह से चल रही सियासी उठापटक के बीच शनिवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को निर्देश दिए है कि वह 16 मार्च को अपना बहुमत साबित करे। जिससे मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई। ऐसे में जहां भाजपा के विधायक इस समय हरियाणा में तो वहीं कांग्रेस के बागी विधायक बैंगलूरू के रिजॉर्ट में हैं, हालांकि कांग्रेस के विधायक जयपुर से भोपाल पहुंच गए हैं।
सूबे में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर सवाल उठ रहा है कि बागी विधायकों को एयरपोर्ट से बाहर कैसे निकाला जाएगा, क्योंकि दो दिन पहले जिस तरह भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिले पर हमला करने की कोशिश की गई थी कहीं यही स्थिति फिर ना बने, क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ता सुरक्षा कवच तोड़ने की कोशिश जरूर करेंगे। विधायकों ने भी एक वीडियो के माध्यम से मांग की कि उनकी सुरक्षा सीआरपीएफ को सौंपी जाए, क्योंकि कांग्रेस उन्हें कैद कर सकती है। इसी को देखते हुए यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा भाजपा कार्यालय तक लाने के लिये सीआरपीएफ की सुरक्षा भी ली जाएगी।
बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट से विधानसभा या भाजपा कार्यालय तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर विधायकों का काफिला पुलिस द्वारा निकाला जाएगा । यहां तक कि सारा ट्राफिक भी रोक दिया जाएगा। कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा। ऐसे में दोनों पार्टियों को अपने-अपने विधायकों की सुरक्षा को लेकर चिन्ता सता रही है, हालांकि भोपाल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
विदित हो कि शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि 22 विधायकों के इस्तीफे देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने फ्लोर टेस्ट करने के लिए एक ज्ञापन भी राज्यपाल को दिया था।
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