*यदि लॉक डाउन का विस्तार होता है तो यह देश एवं समाज के हित में होगा*
*मुख्यमंत्री जी का प्रधानमंत्री को दिया गया सुझाव स्वागत योग्य है*
*सरकार जो कुछ भी कर रही है वह जनता जनार्दन के हित के लिए ही कर रही है*
छत्तीसगढ़ राज्य में वैश्विक महामारी का प्रकोप परिलक्षित तो हुआ है लेकिन यह अन्य राज्यों की तुलना में कम है जोकि यहां के राज्य शासन की कुशल प्रशासनिक व्यवस्था का परिणाम है कारण कि जहाँ एक ओर अनेक साधन संपन्न राज्य इस महामारी के भीषण त्रासदी से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर सीमित संसाधन वाला छत्तीसगढ़ राज्य अपने आप को सुरक्षित रखने में काफी हद तक कामयाब हुआ है लेकिन अभी भी हमें सतर्कता की बेहद आवश्यकता है यह बातें श्री दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर एवं पूर्व विधायक राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अभिव्यक्त की उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत की बात नहीं की संपूर्ण विश्व ही इस समय महामारी की चपेट में हैं, इससे अछूता हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी नहीं है लेकिन यह हम सबके लिए सुकून भरा पल है कि हम इसकी भीषण त्रासदी से अपने राज्य को बचाने में सफल हुए हैं यह हमारे राज्य सरकार की कुशल प्रशासनिक व्यवस्था का परिणाम है।माननीय मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडल ने इस बेहद संवेदनशील विषय को अत्यंत गंभीरता से लिया और इसके निदान के लिए उन्होंने अपनी संपूर्ण प्रशासनिक अमला सहित अपना दिन रात एक कर दिया, माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री जी को दिया गया यह सुझाव कि आने वाले समय में अंतर राज्यीय विशेषकर रेल, सड़क एवं वायु सेवा बंद रखने का आग्रह करना राज्य के हित में है वास्तव में पूरे देश में केवल चार ही मार्ग है जिससे इस बीमारी का आगमन हमारे देश में विदेशों से हुआ। जल, वायु , रेल एवं सड़क परिवहन यदि प्रारंभिक अवस्था में इन चारों संस्थानों का विधिवत सीमांती राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाएं उचित मात्रा में उपलब्ध करा दी गई होती और निर्धारित अवधि तक उन्हें वहीं के वहीं रोक लिया गया होता तो शायद पूरे देश को इस त्रासदी से उलझना नहीं पड़ता लेकिन जो हो गया उसकी कोई बात नहीं अब हमें और भी बेहद सतर्कता बरतनी होगी राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा दिए गए प्रत्येक निर्देशों का विधिवत पालन करना होगा इसके लिए राज्य एवं देश के प्रत्येक नागरिकों का कर्तव्य है कि हमें कानून का सम्मान करते हुए अपने देश एवं समाज को इस भयावह त्रासदी से उबारने में अपनी कर्तव्यों का विधिवत पालन करें, सरकार जो कुछ भी कर रही है वह जनता जनार्दन की सुरक्षा के लिए ही कर रही है हमें रामचरित्र मानस के उस उदाहरण को याद रखना होगा जिसमें गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है -"रिपु रूज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि" अर्थात हमें अपने जीवन में कभी भूल कर के भी शत्रु, बीमारी, अग्नि, सर्प आदि को छोटा नहीं समझना चाहिए बीमारी कब भयावह रूप ले ले यह कहा नहीं जा सकता! इसलिए इसका संपूर्ण निदान होते तक हम सभी को धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता है। "धीरज धरम मित्र अरु नारी आपत काल परखिए चारी" धीरज धर्म मित्र और नारी की परख विपत्ति के समय में होती है हमें भी अपने देश के प्रति कितना प्रेम है उसकी परख प्रत्येक नागरिकों के कर्तव्य पालन से होगा, इसके लिए आप सभी परिवार सहित अपने- अपने घरों में ही रहें और सरकार के दिशा-निर्देशों का उचित पालन करें।
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