बिर्रा संकुल प्रभारी आदरणीय श्री लखन लाल कश्यप जी द्वारा (कोरोना) महामारी पर प्रस्तुत भजन🖋
मोदी कहत हावै सुन ,
थोकन मन म एला गुन।
घर ले बाहिर झन निकलबे महामारी आए हे जी।
कोविड कोरोना के मार नई तो सह पाबे जी।
घर ले बाहिर.....
1- घर म बैठे-बैठे कुटुंब संग मगन रहीबे ,
तीपे पानी चाय -कॉफी पीयत रहिबे ।
महाभारत -रामायण देखत रहीबे, मौका मिले हावै राम नाम जपत रहिबे।।
बने कान देके सुन,
नहीं तो लग जाही तोला घुन।
घर ले बाहिर .....
2- छुना नईये कोनो ल, दूरिहा हे रहना ,
हाथ जोड़के नमस्कार-पैलगी हे करना।
परदेसी कहूं आही पुलिस ल बताबे,
जाके डॉक्टर करा ओकर जांच कराबे ।।
पावे जिंदगी भर सुख ,
सब दिन नई तो रहे दुःख ।
घर ले बाहिर .....
3- मास्क लगाके घेरी बेरी हाथ धोना हे,
सोरा आना लाँक डाउन म रहीके जीना हे।
पुलिस -डॉक्टर अउ नर्स के सम्मान करना हे,
सब ल मिलजुल के बीमारी के नाश करना हे।।
लखन कहत हावै सुन,
मन म घेरी बेरी तुन।
घर ल बाहिर..
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