शिवपुरी। शहर के माधव चौक पर बुधवार को पुलिस व प्रशासन की टीम ने सुबह के 11 बजते ही बाइक व कार से निकल रहे 16 लोगों को लॉकडाउन के बाद सड़क पर घूमने के आरोप में पकड़ लिया। पहले तो एसडीएम व अन्य अधिकारियों ने सभी पकड़े गए लोगों को जेल भेजने के लिए 151 के इस्तगासा तैयार कर लिए, लेकिन जैसे ही इस कार्रवाई की सूचना एसपी को मिली, तो उनके दखल के बाद सभी 16 लोगों को जेल ले जाकर, वहां पर मुचलके पर छोडऩे की कार्रवाई की गई।
अगर समय रहते एसपी दखल नहीं देते, तो उन लोगों को जेल जाना पड़ता, जो कि अपने बीमार परिजनों के लिए दवाई लेने आए थे या फिर जरूरत पडऩे पर बैंक से पैसे निकालने। हालांकि इसके बाद भी उन लोगों को करीब दो घंटे परेशान होना पड़ा।
आज सुबह 11 बजे माधव चौक पर खड़े एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर, तहसीलदार भूपेन्द्र कुशवाह, टीआई बादाम सिंह यादव, ट्रेफिक प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने पुलिस बल के साथ माधव चौक से निकल रहे लोगों को 11 बजे के बाद से पकडऩा शुरू कर दिया।
आज सुबह 11 बजे माधव चौक पर खड़े एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर, तहसीलदार भूपेन्द्र कुशवाह, टीआई बादाम सिंह यादव, ट्रेफिक प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने पुलिस बल के साथ माधव चौक से निकल रहे लोगों को 11 बजे के बाद से पकडऩा शुरू कर दिया।
एक घंटे में टीम ने 16 लोगों को पकड़कर जेल वाहन में बिठा लिया। इस दौरान पकड़े गए युवक हेमंत, आशीष कुलश्रेष्ठ, एक 55 साल का वृद्ध व अन्य लोग टीम के समक्ष गुहार लगाते रहे कि वह तो बीमार परिजनों के लिए दवाई लेने आए थे और घर जा रहे थे, कई लोगों ने तो अपने पास मौजूद दवा भी दिखाई। वहीं, कुछ लोगों ने बताया कि बैंक का समय सुबह 11 से 4 का है, इसलिए वह बैंक से पैसे निकालने आए थे, लेकिन इसके बाद भी उनको जबरन पकड़ लिया गया।
पकड़े गए 16 में से चंद लोग ही ऐसे थे, जिन पर रोड से निकलने का कोई ठोस कारण नहीं था। इतना सब होने के बाद भी एसडीएम गुर्जर व अन्य ने किसी की कोई बात नहीं सुनी, बल्कि सोशल डिस्टेंस का ख्याल न रखते हुए सभी 16 लोगों को दो घंटे तक जेल वाहन में ही बिठाए रहे। कार्रवाई के बीच में हेमंत की वृद्ध मां भी माधव चौक पर आ गई और उसने अधिकारियो के सामने हाथ जोड़कर उसके बेटे को छोडऩे की गुहार लगाई।
इसी दौरान किसी ने एसपी राजेश सिंह चंदेल को मामले की सूचना देकर बताया कि पहले से परेशान लोगों को जेल भेजा जा रहा है। इस पर, तुरंत एसपी राजेश सिंह चंदेल ने मामले में दखल देते हुए अधिनस्थों को आदेशित किया कि किसी को भी जेल नहीं भेजा जाए, बाउंड ओवर की कार्रवाई के बाद छोड़ दिया जाए, चूंकि एसपी के आदेश से पूर्व एसडीएम गुर्जर सभी लोगों पर 151 की कार्रवाईकर चुके थे, जिसके बाद सभी को जेल तक ले जाया गया और फिर जेल के गेट पर ही सभी को निजी मुचलके पर जमानत देकर छोड़ा गया। कार्रवाई से छूटे लोग यह कहते दिखाई दिए कि आज उनको एसपी साहब ने बचा लिया, नहीं तो अकारण ही हमें जेल जाना पड़ता।
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