भोपाल। महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन ने मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वह आंगनवाड़ी कर केंद्रों को कारंटाइंड सेंटर नहीं बनाएं। जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वापस लौटने वाले मजदूरों को आंगनवाड़ी केंद्रों में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा इसकी मौखिक अनुमति दी गई है।
आंगनवाड़ी केंद्रों में हमारी गतिविधियां संचालित हो रही है: अनुपम राजन
प्रमुख सचिव की ओर से यह कहा गया है कि लॉक डाउन के समय में भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों का नियमित रूप से चैकअप, वैक्सीनेशन और परामर्श दिया जा रहा है। इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को टेक होम राशन घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर लगातार इन लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में इन केंद्रों को क्वॉरेंटीन सेंटर बनाया जाना उचित नहीं है। लिहाजा आंगनवाड़ी केंद्रों के बजाय किसी दूसरे सरकारी भवन को क्वॉरेंटीन सेंटर बनाने पर कलेक्टर विचार करें।
संवेदनशील हैं आंगनवाड़ी केंद्र
लॉक डाउन में प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्र खुले हुए हैं। कार्यकर्ता और सहायिकाओं की ड्यूटी लगायी गयी है। इस दौरान नियमित टीकाकरण और स्क्रीनिंग जैसे काम इन्हें सौंपे गए हैं। साथ ही साथ कुछ जगह कोरोना को लेकर जारी भ्रम दूर करने के लिए जनता को परामर्श देने की जिम्मेदारी भी इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। ऐसे में अगर इन केंद्रों को क्वॉरेंटीइन सेंटर बनाया जाता है तो यहां से संक्रमण फैल सकता है।

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