बदरवास। कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, बस उसे थोड़ा सा प्रोत्साहन और सहयोग मिल जाए तो अपने देश में भी ऐसी कई प्रतिभाएं हैं जो कुछ भी कर गुजरने का माद्दा रखती हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण शिवपुरी जिले के छोटी सी तहसील बदरवास है, जहां जैकेट बनाने वाले कारीगरों का जब लॉकडाउन में कारोबार बंद हुआ तो फिर उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य अमले द्वारा पहनी जाने वाली पीपीई किट बनाना शुरू कर दिया।
जिससे ना केवल बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार मिल गया, बल्कि पीपीई किट के लिए अब स्वास्थ्य महकमे सहित अन्य विभागोंं को यहां-वहां भटकना नहीं पड़ रहा।
इन कारीगरों को काम करने के लिए शिवपुरी विधायक ने प्रेरित किया तथा उनके द्वारा बनाई गई किट को थोक में लेकर उसे स्वास्थ्य महकमे को दीं।
कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्बारा स्वदेशी अपनाए जाने के किए गए आव्हान और पूर्व कैबिनेट मंत्री व शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के प्रोत्साहन पर सक्रिय हुई प्रतिभाओं ने अपना हुनर दिखाना शुरू कर दिया है।
कोरोना के बीच जहां पीपीई किटों का आभाव देखने को मिल रहा था वहीं अब गुणवत्तायुक्त किटों का निर्माण भी शिवपुरी के कारीगरों द्बारा किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में शिवपुरी में तैयार की गईं किटों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ट्रस्ट ने स्वास्थ्य महकमे को बीते रोज 500 किट उपलब्ध कराई गईं। इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन को भी 1 हजार किट ट्रस्ट द्बारा उपलब्ध कराई गईं।
जैकेट से हुए चर्चित अब बना रहे हैं पीपीई किट
शिवपुरी के बदरवास में पिछले लगभग ४ दशक से गुढ़ाल गारमेंटस की फर्म जैकेट बनाने का कार्य कर रही थी। इस फर्म की जैकेटों को प्रदेश के साथ-साथ देशभर में बिक्री होती है।
पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इनकी सराहना भी कर चुके हैं। वर्तमान में लॉकडाउन के चलते जैकेट का कारोबार पूरी तरह बंद है। इस कारखाने में लगभग 1 हजार मजदूर कार्य करते थे जो कि बेरोजगार हो गए थे।
इनकी बेरोजगारी की जानकारी जब शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया को लगी तो उन्होंने गारमेंट्स के संचालक कविता मनोज अग्रवाल को प्रोत्साहित करते हुए उनसे कहा कि वह जैकेटों के स्थान पर कोरोना काल में पीपीई किटों का निर्माण करें।
जिससे एक तो मजदूरों को रोजगार मिलेगा साथ ही प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप स्वदेशी को बढ़ावा भी मिलेगा। साथ ही पीपीई किटों का जो अभाव दिखाई दे रहा है वह भी खत्म हो जाएगा।
फिर शुरू हुआ गुणवत्तायुक्त किटों का निर्माण
पीपीई किट की गुणवत्ता के संंबंध में सीएमएचओ से मापदंड समझने के बाद शुरू हुआ गुणवत्तायुक्त पीपीई किटों का निर्माण। किट तैयार करने वाले गुढ़ाल गारमेंट्स के संचालक मनोज अग्रवाल, कविता अग्रवाल ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि शिवपुरी विधायक द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के बाद वह किट बनाने के लिए उत्साहित थे।
जिसके चलते उन्होंने सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा से चर्चा कर किट बनाने के मापदंडों को समझा और इनका निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि किट में 90 जीएसएम कपड़े का उपयोग किया जा रहा है, किट को पूरी तरह से टाइपिंग भी की जा रही है, गूगल मास्क-95 सहित अन्य सामग्री भी पूर्ण रूप से गुणवत्ता युक्त और अच्छी बनाई जाकर वायरस फ्री किट तैयार की जा रही है जो कि बाजार में मिल रही किट से कई गुना अच्छी है।
हर दिन दो सैकड़ा से अधिक किटों का कर रहे निर्माण
गारमेंट्स के संचालक ने बताया कि कारखाने पर 4 दर्जन से अधिक कारीगर लगे हुए हैं। जिनके द्वारा प्रतिदिन दो सैकड़ा से अधिक किटें तैयार की जा रही हैं। अभी तक 4500 किट तैयार की जा चुकी है। ऑर्डर अधिक आ रहे हैं। मिल रहे आर्डरों के आधार पर कारीगर और लेबर को बढ़ाकर हम प्रतिदिन 1 हजार किट तैयार कर सकते हैं।
यह होता है पीपीई किट
पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना चूंकि संक्रामक बीमारी है, इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं।
कई लोग तो मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर तथा मेडिकल स्टॉफ को सिर से पांव तक वायरस से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट में हैं।
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