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कमलनाथ द्वारा धूमधाम से गठित कृषि सलाहकार परिषद निरस्त

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भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने और मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने की करीब 1 साल बाद 5 फरवरी 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने बड़ी ही धूमधाम के साथ कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया था। सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल नाथ द्वारा गठित की गई कृषि सलाहकार परिषद को निरस्त कर दिया है। 

5 साल के लिए गठित की गई थी कृषि सलाहकार परिषद

5 फरवरी को प्रेस को जारी की गई सूचना के अनुसार राज्य शासन ने किसान प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद बनाये रखते हुए प्राप्त सुझावों के क्रियान्वयन एवं समस्याओं के समाधान के लिये तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया था। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री, परिषद के उपाध्यक्ष, प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास को परिषद का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया था। उस समय विशेष रूप से कहा गया था कि परिषद का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा।

कमलनाथ की कृषि सलाहकार परिषद में कौन-कौन सदस्य थे

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार परिषद में 20 सदस्य मनोनीत किये गये हैं। मनोनीत सदस्यों में मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, प्रमुख सचिव पशुपालन, प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-पालन, प्रमुख सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, राजमाता विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय, ग्वालियर के वाइस चांसलर श्री एस.आर. राव और राज्य कृषि विपणन संघ, राज्य सहकारी संघ, राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक और संचालक किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी एवं संचालक कृषि अभियांत्रिकी शामिल किए गए थे। इनके अलावा परिषद में 7 अशासकीय सदस्य मनोनीत किये गये थे। इन सदस्यों के नाम श्री दिनेश गुर्जर मुरैना, श्री शिवकुमार शर्मा होशंगाबाद, श्री उमराव सिंह गुर्जर नीमच, श्री केदार सिरोही हरदा, श्री विश्वनाथ ओक्टे छिन्दवाड़ा, श्री ताराचंद पाटीदार रतलाम और श्री बृजबिहारी पटेल जबलपुर थे।

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