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प्लाटून कमांडर दीपक वैद्य की संदिग्ध मौत के बाद उड़ीं अफवाहों का खंडन

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भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के रहने वाले प्लाटून कमांडर दीपक वैद्य की पुलिस लाइन उज्जैन में दिनांक 13 मई 2020 को संदिग्ध मौत हो गई। लोकल पुलिस ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की परंतु दीपक के पास से ना तो कोई सुसाइड नोट मिला और ना ही दीपक के परिजन यह मानने को तैयार हैं कि दीपक वैद्य आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है इसी बीच दीपक वैद्य की पर्सनल लाइफ को लेकर कुछ अफवाहें भी उड़ाई गई है। दीपक के परिवार में इनका खंडन किया है। 
दीपक वैद्य के मामा श्री राकेश उपाध्याय मोबाइल नंबर 9893688452 ने बताया कि दीपक वैद्य स्टूडेंट नहीं था बल्कि SAF में प्लाटून कमांडर था। इससे पहले वह आरक्षक था और आगर में पदस्थ था। सामान्य श्रेणी का होने के बावजूद उसने एआईआर 200 हासिल की थी। 

उसका अफेयर किसी रईस परिवार की लड़की से नहीं बल्कि एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की से था जो इंदौर की रहने वाली थी एवं एक कॉल सेंटर में काम करती थी बाद में वह लड़की पुणे में एक प्राइवेट संस्थान में काम करने लगी थी। 

अफवाह उड़ाई गई है कि दीपक वैद्य ने शादी के लिए लड़की के परिवार से ₹5000000 का घर एवं बुलेट ली थी जबकि सत्यता यह है कि इंदौर में पोस्टिंग हो जाने के बाद उसने दमोह स्थित अपना निजी मकान बेच दिया इंदौर में घर बनवाया था। दीपक वैद्य की खेती से जो वार्षिक आय होती है उससे बुलेट मोटरसाइकिल ली थी। 

श्री राकेश उपाध्याय ने बताया कि दीपक वैद्य का विवाह जिस लड़की से तय हुआ था, दोनों के बीच किसी भी प्रकार का तनाव नहीं था। दीपक अपनी शादी की तैयारियां कर रहा था और घटना के 1 दिन पहले गेस्ट लिस्ट बना रहा था। इंदौर की जिस लड़की के साथ उसका अफेयर चल रहा था उसकी शादी 6 महीने पहले हो चुकी है और दीपक वैद्य की नॉलेज में रहते हुए शादी हुई है। अतः पुराने मामले से भी कोई तनाव नहीं था। 

श्री राकेश उपाध्याय ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और हम चाहते हैं कि बिना किसी दबाव और अफवाहों के पुलिस मामले की जड़ तक जाए।

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