आपने अक्सर देखा होगा यदि किसी इंसान को तैरना नहीं आता और वह पानी में गिर जाए दो लाख कोशिशों के बाद भी वह खुद को डूबने से नहीं बचा पाता लेकिन एक शव बिना कोई प्रयास किए पानी के ऊपर तैरता रहता है। सवाल यह है कि जीवित हो या मृत शरीर तो शरीर होता है, फिर वह जीवित स्थिति में क्यों डूब जाता है और मृत शरीर क्यों नहीं डूबता। आइए जानते हैं:-
जिस चीज का घनत्व ज्यादा होता है वह चीज पानी में डूब जाती है। कोई मनुष्य जीवित होता है तब डूबते समय मनुष्य के शरीर का घनत्व पानी के घनत्व से ज्यादा होता है। इंसान के पानी में डूबने की प्रक्रिया के दौरान उसके फेफड़ों में काफी मात्रा में पानी भर जाता है और यही कारण है कि उसकी मृत्यु हो जाती है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि मनुष्य की मृत्यु होते ही उसका शरीर पानी में ऊपर की तरफ आना शुरू नहीं करता बल्कि पानी के बिल्कुल नीचे जहां तक वह जा सकता है चला जाता है।
परमजीत सिंह सोलंकी बताते हैं कि जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली काम करना बंद कर देती है और शरीर डीकंपोज होना शुरू हो जाता है, मृत शरीर में बैक्टीरिया उसकी कोशिकाओं और ऊतकों को खत्म करना शुरू कर देते हैं। बैक्टीरिया के कारण शरीर के अंदर मौजूद विभिन्न गैसों जैसे मीथेन, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन आदि का शरीर से बाहर निकलना शुरू हो जाता है।
निष्कर्ष के तौर पर सरल भाषा में समझें तो मृत शरीर का घनत्व ज्यादा होने के कारण पहले तो वह पानी में डूबता है लेकिन जैसे जैसे शरीर सड़ता है वैसे वैसे घनत्व कम होने लगता है और वह हल्का हो जाता है साथ ही उसमे कई तरह की गैसें बनने लगती है जिस कारण तैरने लगता है।
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