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नई दिल्ली। पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर तनाव शुरू हो गया है। भारत द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर में अपने अधीन सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। अब भारत की बारी है। देखते हैं नरेंद्र मोदी सरकार किस तरह से जवाब देती है।
केयरटेकर सरकार के बहाने PoK को पाकिस्तान में मिलाने की साजिश
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान ऐंड केयरटेकर एमेंडमेंट ऑर्डर, 2020 पर मुहर लगा दी है। सार्वजनिक तौर पर कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह कदम जरूरी था लेकिन इसके पीछे पाकिस्तान की एक गहरी साजिश है। वह अवैध कब्जे वाले इलाके को अपनी सीमाओं में मिलाने की साजिश रच रहा है क्योंकि चीन के एक प्रोजेक्ट के लिए यह जरूरी है।
PoK में चीन क्या कर रहा है
पाकिस्तान के इस क्षेत्र में आर्थिक हित भी जुड़े हुए हैं इसीलिए यहां वह अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रहा है। इसी सप्ताह, पाकिस्तान की सरकार ने चीन की फर्म के साथ 442 अरब रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत, गिलगित-बाल्टिस्तान में दिआमेर-भाषा बांध का निर्माण किया जाएगा।
पूरे कश्मीर में शांति चाहती है भारत की जनता
सोशल मीडिया पर भारत की जनता ने इस मामले में प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है। भारत की जनता पूरे कश्मीर में शांति चाहती है। इसके लिए वह चाहती है कि भारत सरकार पहल करें। आतंकवादियों के कब्जे वाले इलाकों को खाली कराया जाए और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शामिल कर लिया जाए। इलाके में शांति के लिए यह बहुत जरूरी है।
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