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कमलनाथ की चक्की 15 महीने में एक दाना नहीं पीस पाई

सागर टीवी न्यूज़ मध्यप्रदेश और ...

 भोपाल। शिवराज सरकार ने चुनाव से पहले जैसे ही अपना चुनावी हमलावर रंग दिखाया, कांग्रेस के नेता एक बार फिर तिलमिलाने लगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जिस पुलिस थाने में दिग्विजय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी, दिग्विजय सिंह उसी थाने में एक पुराने मामले की शिकायत करके ऐसे बयान दे रहे हैं मानो जवाबी हमला किया हो। कम ही सही लेकिन मध्यप्रदेश में कमलनाथ के भी कुछ भक्त है। सोशल मीडिया पर बार-बार दोहरा रहे हैं, कमलनाथ की चक्की धीरे चलती है लेकिन महीन पीसती है। अजीब बात यह है कि सत्ता के 15 महीनों में कमलनाथ की चक्की ने एक दाना भी नहीं पीसा। 


1000 से ज्यादा घोटालों की लिस्ट थी, एक भी मामले में जांच पूरी नहीं हुई 

विधानसभा चुनाव 2018 के प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने शिवराज सिंह सरकार के 1000 से ज्यादा घोटालों की लिस्ट जारी की थी। भरे मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार को भ्रष्ट बताया था। व्यापम घोटाले पर तो दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को इतना भरोसा था कि बार-बार सुप्रीम कोर्ट तक जा रहे थे परंतु जब सत्ता हाथ में आई तो पता नहीं कौन से जादू-टोने का शिकार हो गए, 15 महीने में एक भी घोटाले की जांच पूरी नहीं करवा पाए। 500 से ज्यादा मामले तो ऐसे हैं जिनमें जांच के आदेश ही नहीं दिए गए। 10 बड़े घोटाले ऐसे हैं जिनमें 15 महीने तक जानकारी जुटाई जाती रही है। 

विधानसभा में क्लीन चिट दे दी थी, अब किस मुंह से आरोप लगाएंगे 

कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ सरकार पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि कमलनाथ ने जिन घोटालों के खिलाफ आवाज उठा कर जनता के वोट हासिल किए थे, सत्ता में आने के बाद उन्हीं घोटालों के प्रति ना केवल नरम रुख अपनाया बल्कि विधानसभा में लिखित दस्तावेज के अंदर शिवराज सिंह सरकार को क्लीन चिट दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चिरंजीव श्री जयवर्धन सिंह के विभाग ने दो विधानसभा में घोटाला होने से ही इनकार कर दिया था। सवाल यह है कि जब 15 साल के भाजपा शासनकाल में एक भी घोटाला नहीं हुआ तो फिर क्यों ना ऐसी सरकार को एक और मौका दिया जाए। बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ, भाजपा और शिवराज सिंह सरकार पर किस मुह से आरोप लगाएंगे।

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