बिलासपुर/ *छत्तीसगढ़ का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय NIRF की रैंकिंग से बाहर छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कुलपति मैडम का अराजकता पूर्ण व्यवहार इसका कारण ट्विटर पर अभियान चलाकर कर रहे इस्तीफे की मांग*
*छत्तीसगढ़ का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय NIRF की रैंकिंग से बाहर हो गया है जिससे वहां के छात्र प्रतिनिधियों तथा छात्र-छात्राओं में आक्रोश है छात्र प्रतिनिधि संदीप लहरें ने कुलपति मैडम पर जमकर हमला बोलते हुए लताड़ा है उन्होंने बताया कि इसका कारण केवल और केवल कुलपति महोदय का छात्रों के प्रति अराजकता पूर्ण व्यवहार छात्र विरोधी तर्क तथा तानाशाही जिम्मेदार है वहीं छात्र नेता उदयन शर्मा ने बताया कि माननीय कुलपति महोदय के कार्यकाल में केवल निर्माण टेंडर तथा नियुक्तियों में ही ध्यान दिया गया है और छात्र विरोधी निर्णय लिए गए हैं जैसे बच्चों का f.i.r. कराना और फीस बढ़ाना यही कारण है कि आज विश्वविद्यालय NIRF कि रैंकिंग से बाहर हो गया है*
*छात्र प्रतिनिधि संदीप कुमार एवं दीपेश साहू ने जानकारी दी सीयू शिक्षण, शोध , छात्रों के प्लेसमेंट प्रयोगशाला में उपकरण कैम्पस में सकारात्मक गतिविधि , उच्च शिक्षा में नवाचार एवं सामाजिक स्थान के मापदंड में फैल हो गया है । यही कारण है कि केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की संस्थान एनआइआरएफ द्वारा जारी ओवर ऑल कैटेगरी के टॉप-200 रैंकिंग में स्थान नही मिला । वर्ष 2019 में भी खराब प्रदर्शन के कारण विवि सूची में जगह नही बना सका था । वर्ष 2018 में 169वां रैंक से संतुष्ट होने पड़ा था । वर्ष 2017 में 171 वां स्थान मिला था, वर्ष 2016 में कोई स्थान नही मिला था । इस बत्तर खराब प्रदर्शन से छात्र प्रतिनिधियो ने जम कर लताड़ा है कुलपति मैडम जी को* ।
*छात्र प्रतिनिधियों ने स्पष्ट तौर पर प्रशासन तथा कुलपति महोदय केयर जगतापुर मेहवार को इसका जिम्मेदार ठहराया है और बताया है कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय अब शिक्षण स्थान नहीं रहा बल्कि टेंडर जारी करने और निर्माण करने का स्थान बन गया है वहीं छात्र प्रतिनिधि सचिन गुप्ता ने ने संयुक्त तौर पर छात्रों की राय प्रकट करते हुए गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय को शैक्षणिक आतंकवाद का क्षेत्र बताया है
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