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भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में ग्राम पंचायत सचिवों के मनमाने तबादले और एक पंचायत सचिव को एक से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रभार सौंपने का घोटाला 2019 में ना केवल सामने आया बल्कि इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में भ्रष्टाचार प्रमाणित पाया गया। अक्टूबर 2019 में इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट सबमिट कर दी गई परंतु अब तक उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ है।

भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में ग्राम पंचायत सचिवों के मनमाने तबादले और एक पंचायत सचिव को एक से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रभार सौंपने का घोटाला 2019 में ना केवल सामने आया बल्कि इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में भ्रष्टाचार प्रमाणित पाया गया। अक्टूबर 2019 में इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट सबमिट कर दी गई परंतु अब तक उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ है।
मामला जनपद पंचायत शिवपुरी का
बताया जाता है कि यह मामला जनपद पंचायत शिवपुरी का है। 1 सितंबर 2018 से 27 मार्च 2019 के बीच 20 से अधिक ग्राम पंचायत सचिवों के अनाधिकृत तबादले किए गए। भोपाल समाचार के पास यह लिस्ट उपलब्ध है। मजेदार बात यह है कि जहां एक और पंचायत सचिवों का तबादला करने वाला व्यक्ति प्राप्त शासकीय अधिकारों के विरुद्ध पद का दुरुपयोग कर रहा है वहीं दूसरी ओर अवैध कमाई के लालच में ग्राम पंचायत के सचिवों ने इन तबादलों को सहर्ष स्वीकार किया। जबकि नियम विरुद्ध तबादलों के खिलाफ हाईकोर्ट में जाना, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की आदत बन गया है।
जिला पंचायत में छुपी बैठी है जांच रिपोर्ट
2019 में यह मामला शिवपुरी जिले की लोकल मीडिया की सुर्खियों में था। मामले की विधिवत जांच की गई। इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में ना केवल इन तबादलों को नियम विरुद्ध बताया गया बल्कि इसे शासकीय सेवकों द्वारा किया गया भ्रष्ट आचरण बताते हुए सभी के नाम भी दर्ज किए गए। अब केवल सभी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करना और विभागीय कार्रवाई शेष है। मजेदार बात यह है कि यह जांच लापता है। हमारे सूत्रों ने बताया है कि शिवपुरी की जिला पंचायत में छुपी बैठी है।
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