Music

BRACKING

Loading...

कील पानी में डूब जाती है लेकिन लोहे का जहाज तैरता रहता है, ऐसा क्यों

 एक कील पानी में डूब जाती है लेकिन ...

बताने की जरूरत नहीं कि पानी के एक जहाज में हजारों की ले लगी होती है। पानी पर तैरने वाले जहाज का वजन कई हजार टन होता है। पूरी एक कॉलोनी पानी के जहाज में एक साथ सफर कर रही होती है। या फिर एक मालगाड़ी के बराबर सामान पानी के जहाज में ट्रांसपोर्ट किया जाता है। सवाल यह है कि जब लोहे की एक छोटी सी की पानी में डूब जाती है तो फिर लोहे से बना हुआ हजारों टन वजन का पानी का जहाज पानी में डूबता क्यों नहीं। पानी की सतह पर तैरता क्यों रहता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं:- 
दिल्ली के विशाल खंडेलवाल इस सवाल का जवाब तलाश कर लाए हैं। विशाल बताते हैं कि लोहे की नाव या भारी भरकम जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता क्योंकि उसके पीछे आर्कमिडीज का सिद्धांत काम कर रहा होता है। जब भी हम लोहे की कोई वस्तु पानी में डालते हैं। तो उस वस्तु के द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे ऊपर की ओर उछालती है। और वह आयतन तैरता रहता है।

इसलिए जब हम कोई लोहे का टुकड़ा पानी में डालते हैं। तो उसके द्वारा हटाए गए पानी के ऊपर से लगने वाली शक्ति को छोटा आकार मिलता है। इसलिए लोहे का छोटा सा टुकड़ा पानी में डूब जाता है लेकिन यदि उसी लोहे के टुकड़े को एक प्लेट बना दिया जाए तो पानी के नीचे से लगने वाली शक्ति को बड़ा आकार मिल जाता है। और वह तैरने लगती है। इसी कारण छोटा सा लोहे का टुकड़ा पानी में डूब जाता है जबकि बड़े-बड़े जहाज पानी में नहीं डूबते।

TO THE POINT: 'आर्कमिडीज का सिद्धांत' यह वाक्य याद कर लीजिए। इसके कारण आप उन तमाम सवालों के जवाब दे पाएंगे जो आपको दूसरों से स्पेशल बना देंगे और सरल शब्दों में सिर्फ इतना की पानी का जहाज या मोटर बोट इंजन बंद होने के बाद भी पानी की सतह पर रहते हैं, पानी के अंदर डूबते नहीं है क्योंकि उनकी बनावट विशेष प्रकार से की जाती है। यदि पानी की सतह पर खड़े जहाज को बीच में से दो टुकड़े कर दिया जाए तो वह दोनों टुकड़े पलक झपकते ही पानी के अंदर डूब जाएंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ