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भारत-चीन तनाव / तीनों भारतीय सेना युद्ध के लिए तैयार, दोगला चीन, एक तरफ शांति वार्ता, दूसरी तरफ हथियार तैनात



नई दिल्ली। चीन एक बार फिर दोगली हरकत कर रहा है। एक तरफ सीमा विवाद को वार्ता से समझाने की गतिविधियों में भाग ले रहा है वहीं दूसरी तरफ सीमा पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ाता जा रहा है। जवाब में भारत ने भी चीन की सीमा पर सेनाओं की तैनाती के आदेश दे दिए हैं। भारत की तीनों सेनाओं को किसी भी समय युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा गया है। 

लद्दाख के डेपसांग तक आ गए चीन के सैनिक


सेटेलाइट तस्‍वीरों से हुआ खुलासा 

सेटेलाइट तस्वीरों से सामने आ रही जानकारी के आधार पर सामरिक विशेषज्ञों का आकलन है कि एलएसी में गलवन घाटी के दोनों तरफ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मौजूदगी नजर आ रही है। इन तस्वीरों में कुछ ढांचे भी नजर आ रहे हैं जिससे प्रतीत होता है कि चीनी सैनिकों ने यहां अस्थायी निर्माण भी किया है। ये तस्वीरें गलवन घाटी में पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के करीब की बताई जाती हैं। इसके निकट ही 15 जून की रात पीएलए से खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।

सैनिकों का भारी जमावड़ा 

तस्वीरों से यह भी जाहिर हो रहा है कि डेपसांग के निकट एलएसी पर चीन अपने इलाके में सैनिकों का जमावड़ा कर रहा है। जाहिर तौर पर भारत के लिए यह चिंता की बात है क्योंकि डेपसांग के इलाके में अतिक्रमण का नया मोर्चा खोल भारत के दौलत बेग ओल्डी के बेहद अहम रणनीतिक रोड के लिए चीन चुनौती पेश कर सकता है। दौलत बेग ओल्डी के निकट के पैट्रोलिंग प्वाइंट पर बाधा डालने की चीनी कोशिश के मद्देनजर भारतीय सेना भी सतर्क है। खास बात यह है कि इस सड़क के जरिये ही कराकोरम हाइवे जुड़ता है और भारतीय सेनाओं के लिए चीन से लगी सीमा पर संसाधन पहुंचाने में इसकी बेहद अहम भूमिका है। 

सेना ने नहीं की पुष्टि 

हालांकि सेना और रक्षा मंत्रालय के स्तर पर एलएसी पर चीन सैनिकों की इस सक्रियता को लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। चीन की यह खुराफात सैन्य कमांडर स्तर पर सोमवार को हुई वार्ता में सैनिकों को एलएसी पर आमने-सामने की तैनाती से पीछे हटाने की बनी सहमति के विपरीत है। दिलचस्प यह भी है कि बुधवार को संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता में भी चीन ने बातचीत से मसले सुलझाने की हामी भरी। हालांकि छह जून की कमांडर स्तर की वार्ता में एलएसी का गतिरोध कम करने पर बनी सहमति के बाद भी चीनी सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से गलवन घाटी में जिस तरह भारतीय सैनिकों पर हमला बोला था। 

सेनाएं वार अलर्ट मोड पर

भारतीय सेनाएं भी चीन की दोहरी चालबाजी से सतर्क हैं। इसीलिए सैन्य व कूटनीतिक वार्ता में सकारात्मक प्रगति के बाद भी सेना ने लद्दाख समेत चीन से लगी सीमाओं के अग्रिम मोर्चे पर न केवल सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है बल्कि सेना हाई अलर्ट पर है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने खुद एलएसी समेत अग्रिम मोर्चे पर सैन्य रणनीति की समीक्षा के लिए मंगलवार और बुधवार को वहां का दौरा किया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गलवन घाटी की घटना के एक दिन बाद लद्दाख जाकर एयरफोर्स के अग्रिम बेस पर स्थिति की समीक्षा की थी। सेना और वायुसेना ही नहीं नौसेना भी हिंद महासागर में चीन के ऐसे कपट की आशंका को लेकर बेहद सतर्क है।

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