जबलपुर। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्य प्रदेश द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के लिए आयोजित उच्चतर माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को चयनित किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य सरकार और पीईबी को जवाब पेश करने के निर्देश दिए है। अगली सुनवाई 2 जुलाई को है। छतरपुर की शिक्षिका प्रियंका जैन की याचिका में कहा गया है कि एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने दिसंबर 2018 में पात्रता परीक्षा का आयोजन किया।
मप्र सिविल सर्विस रूल्स में प्रदेश की मूल निवासी महिलाओं के लिए स्कूल शिक्षा विभाग में 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। साल 1997 के नियमानुसार यह आरक्षण सभी वर्ग की महिलाओं के लिए हॉरिजेन्टल तौर पर लागू होगा। बाकायदा सभी वर्ग की महिलाओं का आरक्षण प्रतिशत भी निर्धारित है। याचिका में आरोप है कि जारी पात्रता सूची में सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर ओबीसी महिलाओं को शामिल किया गया है, जो असंवैधानिक है व हॉरिजेन्टल आरक्षण नियम के खिलाफ है।
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