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मजबूरी भी शौक को जन्म देती है: SUCCESS TIPS by विनय तिवारी IPS



 पढ़ने का शौक नहीं था, पढ़ाई शुरू तो मजबूरी में की थी। आर्थिक सुरक्षा की गारंटी पढ़ाई में दिखी थी। लगता था जैसे निश्चिंत हो जाऊंगा, पर मन की शांति सिर्फ अर्थ से नहीं आती अपितु अर्थ से तो नहीं ही आएगी यह निश्चित है। मजबूरी भी शौक को जन्म देती है।

पापा ने कहा: त्याग करोगे तो अच्छा पाओगे


असफलता मिली तो विषय बदल कर दूसरा प्रयास किया


विनय तिवारी (आईपीएस) का परिचय

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