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10th एमपी बोर्ड का रिजल्ट 62.84% नहीं 45% है, बेस्ट ऑफ फोर के कारण 62.84% नजर आ रहा है



भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश द्वारा दोनों घोषित किया गया 10वीं हाई स्कूल का रिजल्ट 62.84% रहा और यह पिछले साल 61.32% के मुकाबले 1.52% ज्यादा दिखाई दे रहा है, परंतु सिर्फ दिखाई दे रहा है। असल में यह रिजल्ट पिछले साल के मुकाबले और ज्यादा खराब है क्योंकि इस साल का रिजल्ट बेस्ट ऑफ फोर के आधार पर बनाया गया है। उम्मीद की गई थी कि यदि छात्रों ने पिछले साल के बराबर प्रदर्शन किया तो इस साल सरकारी आंकड़ों में रिजल्ट 75% नजर आएगा।


मध्य प्रदेश हाईस्कूल का सही परीक्षा परिणाम 45% है

माशिमं ने 'बेस्ट ऑफ फाइव' योजना परीक्षा परिणाम बढ़ाने के लिए 2018 में शुरू की थी लेकिन यह बच्चों में कठिन विषयों को प्रति अरुचि जगा रही है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस साल से योजना को बंद करने के लिए पत्र लिखा था। इस पर योजना को बंद कर जब परिणाम निकाला गया तो प्रदेश का परीक्षा परिणाम 45 फीसद ही बना। वहीं, कोरोना के कारण पूरे विषयों की परीक्षा नहीं हो सकी। इसे देखते हुए माशिमं ने "बेस्ट ऑफ फाइव" के बदले "बेस्ट ऑफ फोर" लागू कर परिणाम बनाया। तब कहीं जाकर परीक्षा परिणाम 62.84 फीसदी रहा जो पिछले साल के 61.32 प्रतिशत के मुकाबले 1.52 फीसद अधिक है। बता दें कि इस साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश भर से 8,93,336 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से गणित में 3,98,366 व अंग्रेजी में 2,49,272 विद्यार्थी फेल हुए हैं

योजना से रिजल्ट के आंकड़े बदल रहे हैं परंतु स्टूडेंट्स पिछड़ रहे हैं


हम तो बेस्ट ऑफ फाइव योजना बंद करना चाहते हैं: कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय


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