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प्रदेश में "किल कोरोना अभियान" की शुरूआत एक जुलाई से


डोर-टू-डोर होगा सर्वे
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आम नागरिकों से सहयोग की अपील


 


 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजनों से अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान' में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का आग्रह किया है।
देश के इस अनूठे और बड़े अभियान से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुँचेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 दिन पहले कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए थे कि 'किल कोरोना अभियान' के लिए आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस को समाप्त कर ही चैन की सांस लूँगा, इसे अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अल्प अवधि में ही यह तैयारी की गई है।
'किल कोरोना अभियान' में सर्वे द्वारा एस.ए.आर.आई./आई.एल.आई. के संदिग्ध मरीजों के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी प्रविष्टि 'सार्थक एप' में की जायेगी। कोविड-19 के संदिग्धों की जिनकी प्रविष्टि 'सार्थक एप' पर की जाती है, के सम्बन्धित क्षेत्रों में मेप्ड एम.एम.यू. द्वारा सेम्पलिंग की जायेगी। रोजाना चिन्हित किये गये संदिग्धों की सेम्पलिंग के बाद उनकी टेस्टिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के माध्यम से की जायेगी।
प्रदेश भर में एस.ए.आर.आई./आई.एल.आई. सर्वे के बाद चिन्हित संदिग्धों के 3 लाख से ज्यादा सेम्पल लिये जायेंगे। रोजाना 21 हजार टेस्ट किये जाने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसमें प्रदेश के औसत पॉजीटिविटी से अधिक पॉजीटिविटी वाले 13 जिलों में सघन सेम्पलिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के जरिए होगी। ऐसे 29 जिले जहां पाजीटिविटी दर प्रदेश के औसत से कम है, में जनरल सर्वेलेन्स के लिए पूल्ड सेम्पलिंग के निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश में 69 टी.आर.यू.एन.ए.टी. साईट्स संचालित है, जहां जिला स्तर पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि 'किल कोरोना अभियान' के बाद प्रदेश में टेस्ट प्रति मीलियन की संख्या 4022 से बढ़कर 7747 हो जाने की संभावना है, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसी तरह अधिक सेम्पलिंग के परिणामस्वरूप प्रदेश की पॉजीटिविटी दर में भी गिरावट आयेगी।

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