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ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भोपाल की स्पेशल कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत

BTIS - Bhopal Traffic and Transport Information System

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सदस्य श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजनीतिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित स्पेशल कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया गया। कोर्ट से निवेदन किया गया है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ धारा 177, 181, 182, 281, 420, 465, 471, 120 बी एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमे की सुनवाई की जाए। यदि कोर्ट ने परिवाद पर सुनवाई शुरू कर दी तो श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सदस्यता ( जिसे स्थानीय भाषा में सांसदी कहते हैं) खतरे में पड़ जाएगी।
कांग्रेस नेता गोपीलाल भारती ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ दायर किये परिवाद में आरोप लगाए हैं कि सिंधिया ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के साथ जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, उसमें तथ्यों को छुपाया गया है। व्यापम कांड में सितंबर 2017 में भोपाल की विशेष अदालत के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। भारती का आरोप है कि सिंधिया ने अपने ऊपर चल रहे इन आपराधिक मामलों की जानकारी हाल ही में हुए राज्यसभा के नामांकन के साथ पेश किए शपथपत्र में नहीं दी है। इस कारण सिंधिया के खिलाफ धारा 177, 181, 182, 281, 420, 465, 471, 120 बी एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। भारती का परिवाद सुनवाई के योग्य है या नहीं इस पर अब कोर्ट फैसला करेगा।

जेएमएफसी ने कहा था विशेष न्यायालय में परिवाद दायर करो


पिछले महीने जेएमएफसी पवन कुमार पटेल ने राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ दायर परिवाद को वापस कर दिया था। उस परिवाद में सिंधिया के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करने की मांग की गयी थी। कोर्ट ने कहा था कि जनप्रतिनिधियों के केस की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय का गठन किया गया है। इस मामले की सुनवाई का अधिकार विशेष न्यायालय को है। इसलिए परिवादी वहां अपना परिवाद पेश कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधियों के केस की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय के गठन आदेश दिया है। भोपाल में विशेष न्यायालय बनाया गया है.ये विशेष न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का मामला है।

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