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चंबल के डकैतों के आराध्य अचलेश्वर महादेव की कथा

DAANAPAANI: नीलकंठ : यहां शिव ने हलाहल ...

 यह मंदिर 1875 का बना बताया जाता है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर उससे भी सैंकड़ों साल पुराना है, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक यह 1875 के आस पास का ही बताया जाता है। उस जमाने में यहां डकैतों का राज था और बीहड़े में आने से लोग कतराते थे।सुबह में शिवलिंग का रंग लाल रहता है, दोपहर को केसरिया रंग का हो जाता है, और जैसे-जैसे शाम होती है शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है।


धौलपुर में स्थित यह विचित्र शिवलिंग



गहराई का पता नहीं चल पाया इसलिए अचलेश्वर महादेव

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