
श्रीमती शैली शर्मा। बारिश का मौसम आ चुका है और अब हम कुछ ही दिनों में अपने आसपास मखमल जैसी हरी-हरी चादर दिखाई देगी। ग्रामीण भाषा में ऐसे काई या चोइ के नाम से जाना जाता है। सवाल यह है कि प्रकृति में इसकी आवश्यकता क्या है। क्या यह कोई जहरीला कचरा है या फिर दवाई। मनुष्य के जीवन के लिए लाभदायक है या हानिकारक। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
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