शिवपुरी. 'लोकतंत्र बचाओÓ की तख्ती लेकर कंप्यूटर बाबा साथी साधु-संतों के साथ शनिवार को शिवपुरी पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले विधायकों सहित अन्य नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने उन्हें गद्दार की संज्ञा देते हुए कहा, प्रदेश में जिन 25 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें साधुओं की टोली जाकर वोटरों को गद्दारों के असली चेहरे से वाकिफ करागी। मालूम हो, कंप्यूटर बाबा पहले भाजपा सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा का दामन छोड़कर कांगेस के समर्थन में लोकतंत्र बचाओ यात्रा शुरू की है। ग्वालियर-चंबल संभाग के दौरे पर निकले कंप्यूटर बाबा ने कहा, जनता ने 15 साल तक भाजपा के कुशासन से त्रस्त होकर पिछली बार कांग्रेस को जिताकर सरकर बनवाई थी, लेकिन जब काग्रेस सरकार ने भाजपा नेताओं की कारगुजारियां उजागर कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो भाजपा नेताओं ने कांग्रेस विधायकों को अपने साथ लेकर सरकार ही गिरा दी। बाबा ने कहा, हम सरकार के साथ रहते हैं न कि किसी पार्टी के साथ। पहले जब हमें भाजपा ने पद दिया था तो हमने नर्मदा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए जब शिवराज सिंह चौहान से कहा, तो वे बोले- वह उत्खनन बंद नहीं होगा, क्योंकि वे हमारे रिश्तेदार हैं। यह बात सुनकर ही हमने मंत्री पद छोड़ दिया। बाबा ने कहा, गद्दारी सिंधिया ने की है, जनता ने सिंधिया को वोट नहीं दिया, बल्कि कांग्रेस को वोट दिया था।
15 माह की कांग्रेस सरकार बनाने का लिया श्रेय
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हम कभी भी पार्टी के साथ नहीं रहे। जब नर्मदा में रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं किया गया, तो हम सभी संतों ने चुनाव से छह माह पहले इस्तीफा दे दिया था और फिर हम लोग कांग्रेस के समर्थन में जनता के बीच पहुंचेे तथा उन्हें कांग्रेस की अचछी नीतियों ेसे अगवत कराया। जनता ने संतों की बात का समर्थन किया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई, लेकिन गद्दारों ने सरकार को पूरे पांच साल तक नहीं चलने दिया और सरकार गिरा दी।
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हम कभी भी पार्टी के साथ नहीं रहे। जब नर्मदा में रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं किया गया, तो हम सभी संतों ने चुनाव से छह माह पहले इस्तीफा दे दिया था और फिर हम लोग कांग्रेस के समर्थन में जनता के बीच पहुंचेे तथा उन्हें कांग्रेस की अचछी नीतियों ेसे अगवत कराया। जनता ने संतों की बात का समर्थन किया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई, लेकिन गद्दारों ने सरकार को पूरे पांच साल तक नहीं चलने दिया और सरकार गिरा दी।
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