जिला स्तर पर सभी विभाग 'डेशबोर्ड' विकसित करें, जिससे कलेक्टर द्वारा ऑनलाइन मॉनीटरिंग हो सके।
सी.एम. हेल्पलाईन को विस्तार देकर 'सी.एम. सिटीजन केयर पोर्टल' प्रारंभ किया जाए।
राजस्व, कृषि, सिंचाई आदि में ड्रोन तकनीक का उपयोग।
योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का परीक्षण 'आउट कम इंडीकेटर' के आधार पर किया जाए।
कर्मचारियों के कार्य के आंकलन के लिए 'परफार्मेंस इंडीकेटर' तय किये जाएं।
शासकीय गतिविधियों की नागरिक केन्द्रित मॉनीटरिंग की व्यवस्था।
हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन का 'थर्ड पार्टी' मूल्यांकन हो।
कानूनों तथा नियमों में 'सनसैट क्लॉज' लागू किया जाए, जिससे समयावधि पश्चात उनका पुनरीक्षण हो सके।
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