बमुश्किल अभी मेरी उम्र महज 2 माह से कुछ ज्यादा है, लेकिन मैं आप सबकी प्यारी राज्य तक पहुंचकर राजदुलारी बन गई हूं* ।
*अतीत में झांकती हूं तो संकुल करनौद के समृद्ध उपवन से पृथक करके 9 स्कूलों का उत्तरदायित्व दिनांक 7-7- 20 को उमेश दुबे जी को प्रदान करके, स्वच्छंद आकाश में उड़ान भरने को छोड़ दिया गया*।
*मेरी बड़ी बहन करनौद किसी अनहोनी की आशंका से पहले सशंकित एवं विचलित थी,क्योंकि मैं उसी की गोद का एक अंश हूँ । जिस उपवन को अनगिनत हाथों द्वारा सु- विकसित कर सजाया, संवारा गया उसके दो टुकड़े होना एक दुखद अनुभूति एवं त्रासदी सदृश था ,परंतु मेरी परवरिश को बेहार जी जैसे समर्थ नीतिवेत्ता एवं दुबे जी जैसे कुशल चितेरे का संकल्पबद्ध आश्रय मिला ,जिससे मेरी उम्मीदों के पर निकल आए*।
*अब मेरे सपने उन्मुक्त होकर विस्तीर्ण नील गगन में उड़ने लगे,तभी मेरे हिस्से की छोटी बगिया में "प्रश्न मंच" नामक एक नूतन प्रसून का बीजारोपण किया गया। संरक्षक का मर्मस्पर्शी सानिध्य एवं शिल्पकार की प्रतिबद्ध छेनी मुझे नए स्वरूप देने को आतुर थे*।
*नित्य नयी,ओजमयी नारी शक्तियों का एवं कर्मठ, मेधामय श्रम वीरों के श्रम- कण से मुझे अभीसिंचित किया जाता है ,जिस के प्रतिफल में प्रत्येक कड़ी, नए- नए कलेवरों से सुसज्जित होकर आज 27 कड़ी तक की यात्रा कर नौनिहालों का भविष्य गढ़ने का सौभाग्यभरा सुकून प्राप्त हुआ है।*
*मेरे आंगन के पुष्पित प्रसूनों के सुरभित पवन से, सीजी school.in में पांच बार स्वयं को परिभाषित कर चुकी हूं*
*मेरी ही बगिया की एक और अनूठी पुष्प "समीक्षा सह प्रशिक्षण" भी दो बार स्वयं को cgschool. in में रेखांकित कर इठलाने का अवसर प्राप्त कर चुकी है जो कि आप सबका दिया गया एक अनमोल उपहार है*।
*मुझे पूर्ण विश्वास हो चला है कि मेरे सभी सुधिजन मुझे पूर्ण विकसित होते तक समुचित देखभाल ,अपनत्व एवं समर्पित स्नेह प्रदान कर मेरे जीवन को अर्थपूर्ण ,ख्यातिपूर्ण एवं प्रज्ञापूर्ण बनाने का सौगात प्रदान करेंगे*।
*मेरी इस सफलता से मेरी मातृ संस्था को भी अभूतपूर्व संतुष्टि मिल रही होगी, मैं अपना मान,अपना सम्मान एवं अपना अभिमान उसी को समर्पित कर रही हूँ* *आपकी अपनी लाडली*
*पीएलसी सेमरिया*
*शब्दांकन*
🔹 *कमलेश गुप्ता* 🔹 *शा.पू.मा.शा .बन्सुला* 🔹
🔺🔺🔺
0 टिप्पणियाँ