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जीतू पटवारी का कृषि मंत्री पर आपत्तिजनक बयान;जब सदन में कर्जमाफी के सवाल का जवाब दे रहे थे, तब क्या शराब पीकर या भांग खाकर बोल रहे थे

 


भोपाल-  मध्य प्रदेश में उप चुनाव का घमासान धीरे-धीरे किसानों पर केंद्रित होता जा रहा है। 21 सितंबर को विधानसभा में भाजपा सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने स्वीकार किया कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में 26 लाख 97 हजार किसानों का कर्ज माफ हुआ। सदन में दिए इस लिखित जवाब के बाद भाजपा की शिवराज सरकार घिर गई है और कांग्रेस ने उस पर चौतरफा हमला बोल दिया है।

शनिवार को पीसीसी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा कि कमल पटेल पांच बार एफआईआर कराने की बात बोल चुके हैं, लेकिन कराई एक बार भी नहीं। जब सदन में कमल पटेल कर्जमाफी के सवाल का जबाब दे रहे थे तो क्या उस वक्त शराब पीकर या भांग खाकर बोल रहे थे।

जीतू पटवारी ने कहा कि ‘आदरणीय कमल पटेल का मानस या उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है या उनका अध्ययन ठीक नहीं है। कमल पटेल कहां थे, जब वो सदन में जवाब दे रहे थे कि कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्जामाफ किया तो या तो जब वो नशे में थे, या जब बोल रहे थे और बेहोश थे। खुद अपनी एक बात पर वो कायम तो हों। ऐसा कृषि मंत्री कैसे प्रदेश के किसानों की रक्षा कर सकता है।’

‘ऐसे अपरिपक्व मंत्री को कैबिनेट से हटा देना चाहिए’

जीतू पटवारी ने आगे कहा- ‘मैं शिवराज सिंहजी से अनुरोध करना चाहता हूं कि ऐसे अपरिपक्व मंत्री को मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए या इस्तीफा ले लेना चाहिए। वरना जनता तो तैयार है, वो खुद ही हटा देगी।’ पटवारी पत्रकारों के उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था कि कमल पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि कमलनाथ और राहुल गांधी के किसानों के मामले में झूठ बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे तो वह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।

डैमेज कंट्रोल के लिए किसानों को 4-4 हजार किसान कल्याण राशि देने की घोषणा

भाजपा ने सत्ता में आने के बाद कमलनाथ की सरकार पर आरोप लगाए कि किसानों का कर्जमाफ हुआ ही नहीं। इसके बाद कमलनाथ ने पैन ड्राइव लहराकर बताया कि उनके पास किसानों का डेटा है, जिनका कर्ज माफ हुआ है। उनका पता और पूरी जानकारी है। भाजपा ने इसे भी झूठ बताया और फिर 21 सितंबर को हुई सदन की कार्रवाई में कृषि मंत्री कमल पटेल ने मान लिया कि कांग्रेस सरकार में 26 लाख 97 हजार किसानों के कर्ज माफ हुए हैं। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई और भाजपा पर लगातार आरोप लगाने शुरू कर दिए।

किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर घिरी भाजपा की शिवराज सरकार ने इसके डैमेज कंट्रोल के लिए किसानों को 4-4 हजार की राशि किसान कल्याण निधि की आनन-फानन घोषणा कर दी। इसके बाद 25 और 26 सितंबर को इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन भी कर दिया और किसानों के खाते में 2-2 हजार राशि की पहली किस्त भी भेज दी।

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