26 सितम्बर 2020 । 2004 के बाद सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारियों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना की जगह एक जोखिम भरी नई पेंशन योजना में शामिल किया गया। इस नई पेंशन योजना ने कर्मचारियों को अभी से परेशान कर दिया है और सभी विभागों के कर्मचारियों ने एकजुट होकर इस योजना के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।।
सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अनूठा अभियान आरम्भ किया है, कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल महोदया व माननीय मुख्यमंत्री जी को पोस्टकार्ड प्रेषित कर लिख रहे हैं कि, छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर 2004 के बाद विभिन्न विभागों में नियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए एनपीएस योजना लागू किया गया जो शेयर बाजार के जोखिमों पर आधारित है। इस पेंशन योजना के अब घातक दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। लंबे समय तक सेवा देने के पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले एनपीएस कर्मचारियों को मात्र 1 से 3 हजार रु के बीच पेंशन मिल रहा है, जिससे हम सब अपने भविष्य के प्रति चिंतित होकर भयाक्रांत हैं। हमारी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा दांव पर है, अतः आपसे करबद्ध निवेदन है कि छत्तीसगढ़ में 2004 के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों हेतु पुरानी पेंशन योजना लागू करते हुए हमें भी बुढ़ापे का सहारा प्रदान करने की कृपा करें, जिससे हम भी वृद्धावस्था में सम्मान एवं स्वाभिमान के साथ जीवन यापन कर सकें।।
पोस्टकार्ड अभियान की इस कड़ी में जशपुर से सत्यम सिंह नायक, राजेन्द्र यादव, अनिल मिश्रा, प्रवीण सिन्हा, रत्ना गुरु, लखन सिंह, चंद्रशेखर राम, रियाज अंसारी, पुरुषोत्तम कंवर, दीपकचन्द्र, चंद्रशेखर ओझा, अरविंद सतपथी, पुष्पेंद्र शुक्ला, सुनील भगत, देवेन्द्र सिंह के साथ साथ जिले के सैकड़ों कर्मचारियों ने पोस्टकार्ड प्रेषित कर पुरानी पेंशन देने की गुहार लगाई है।
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