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आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए श‍िवराज सरकार प्रशासनिक कसावट में जुटी

  


भोपालउपचुनाव के बाद प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रशासनिक कसावट में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर-कमिश्नर और आइजी-पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस करने के बाद तय किया है कि वे विभागों में कसावट लाने के लिए स्वयं समीक्षा करेंगे। एक दिसंबर से यह सिलसिला शुरू होकर करीब ढाई माह चलेगा। इसमें विभागीय मंत्रियों और अधिकारियों को एक, दो और तीन साल की कार्ययोजना बतानी होगी। साथ ही सीएम हेल्पलाइन, लोक सेवा गारंटी योजना के लंबित मामलों के साथ मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रियान्वयन की स्थिति को लेकर प्रस्तुतिकरण भी देना होगा। सबसे पहले समीक्षा राजस्व विभाग की होगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री दिसंबर से फरवरी तक सभी विभागों की विस्तृत समीक्षा करेंगे। इसमें मंत्री और अधिकारी विभागीय कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण देंगे। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप में विभाग के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना के आधार पर एक, दो और तीन साल के कार्यक्रम और उन्हें पूरा करने की रणनीति पर चर्चा होगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर विभाग की रणनीति, बजट के उपयोग की स्थिति, सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी योजना के लंबित मामलों की प्रगति, केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित प्रस्तावों की स्थिति के साथ अगले छह माह में होने वाले शिलान्यास, लोकार्पण और हितग्राहीमूलक योजनाओं के लाभ वितरण की भी समीक्षा होगी।

साल में दो बार होगी समीक्षा

सूत्र के मुताबिक तय किया गया है कि मुख्यमंत्री साल में कम से कम दो बार प्रत्येक विभाग की समीक्षा करेंगे। संबंधित विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वह बैठक के चार दिन बाद कार्यवाही विवरण अनुमोदन कराकर उसे सीएम डैशबोर्ड की मीटिंग मैंनेजमेंट सिस्टम में अपलोड करेगा।

मंत्रियों को प्रत्येक सोमवार करनी होगी समीक्षा

मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे विभाग में पकड़ मजबूत करने के लिए प्रत्येक सोमवार को विभागीय समीक्षा करें। केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता में रखें। केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव तत्परता के साथ भेजे जाएं ताकि अधिक से अधिक राशि प्राप्त की जा सके। प्रत्येक केंद्रीय योजना में नंबर एक पर रहने के प्रयास किए जाएं। हर माह विभागों के कार्यों के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय रेटिंग करेगा

कब किसकी होगी समीक्षा

विभाग- संभावित तारीख

लोक निर्माण- चार दिसंबर

स्कूल शिक्षा-चार दिसंबर

ऊर्जा- आठ दिसंबर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास- दस दिसंबर

परिवहन-दस दिसंबर

कृषि-14 दिसंबर

स्वास्थ्य- 15 दिसंबर

नगरीय विकास एवं प्रशासन- 15 दिसंबर

सामाजिक न्याय- 17 दिसंबर

तकनीकी शिक्षा-17 दिसंबर

सहकारिता- 21 दिसंबर

खाद्य, नागरिक आपूर्ति- 24 दिसंबर

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी- 24 दिसंबर

गृह- 28 दिसंबर

वित्त- 28 दिसंबर

उच्च शिक्षा-31 दिसंबर

महिला एवं बाल विकास-सात जनवरी

जल संसाधन-11 जनवरी

नर्मदा घाटी विकास- 11 जनवरी

वन- 12 जनवरी

चिकित्सा शिक्षा- 14 जनवरी

उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण- 14 जनवरी

आदिम जाति कल्याण-19 जनवरी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिक- 21 जनवरी

अनुसूचित जाति कल्याण-28 जनवरी

खनिज साधन- 28 जनवरी

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम- आठ फरवरी

उद्योग- आठ फरवरी

पर्यावरण-15 फरवरी

जेल-22 फरवरी

संसदीय कार्य-25 फरवरी

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