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पोहरी में राठखेड़ा का फहरा परचम, करैरा में प्रागीलाल ने किया कमाल

 


शिवपुरी। भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा ने त्रिकोणीय सीट मानी जा रही पोहरी में 66344 वोटों के साथ जीत हासिल की। दूसरे नंबर पर बसपा के कै लाश कु शवाह को 43848 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला 42638 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे।

सुबह मतगणना की शुरूआत हुई तो पहले राउंड में हाथी और पंजे के बीच कड़ी टक्कर हुई। पहले कै लाश कु शवाह आगे हुए फिर कांग्रेस के हरिवल्लभ शुक्ला। पहले राउंड के बाद सुरेश राठखेड़ा ने बढ़त बनाना शुरू कर दी। धाकड़ बाहुल्य इलाकों की ईवीएम खुलते ही सुरेश राठखेड़ा की बढ़त भी बढ़ गई। हरिवल्लभ शुक्ला अपने ही गांव सेंवढ़ा में ही बढ़त नहीं बना पाए।

पोहरी विधानसभा में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कें धीय मंत्री नरेंध सिंह तोमर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जुटे हुए थे। चुनाव की तारीख तय होने के पहले ही 11 सितंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह ने पोहरी में बड़ा लोकार्पण कार्यक्रम कि या था। इसके बाद शिवराज ने यहां पर आदिवासी और अजा वोटरों को साधने के लिए योजनाओं का हवाला दिया। आचार संहिता लगने के पहले ही आदिवासी महिलाओं के खाते में योजना के 9-9 हजार रुपये डाले गए थे। पोहरी में आदिवासी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, जो भाजपा का वोट बैंक नहीं माने जाते हैं। यहां पर आए परिणामों में शिवराज की यह योजना कामगार साबित दिखाई दी है।

वहीं दूसरे सबसे ज्यादा वोट धाकड़ों के हैं और प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा के साथ शिवराज खुद इस जाति से हैं। शिवराज का बार-बार आना और उनके बेटे कार्तिके य के रोड शो ने धाकड़ मतदाताओं को अपनी ओर कि या। इसका परिणाम रहा कि सुरेश राठखेड़ा ने पिछली बार के मुकाबले ज्यादा वोट प्राप्त किए। कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा नेता यहां नहीं आया।

यहां कमल नाथ ने एक सभा ली और सचिन पायलट आए भी तो सिर्फ सतनवाड़ा क्षेत्र तक सीमित होकर रह गए थे। ऐसे में हरिवल्लभ शुक्ला स्थानीय नेताओं की दम पर लड़ रहे थे। यहां स्टार प्रचारकों की कमी उन्हें हार कर चुकानी पड़ी। हरिवल्लभ शुरुआत से इसे अपना आखिरी चुनाव भी बता रहे थे।

भाजपा के स्टार प्रचारकों पर भारी पड़े कांग्रेस के प्रागीलाल

न करैरा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव भाजपा की स्टार प्रचारकों की फौज पर भारी पड़े और 95728 मतों से जीत हासिल की। वहीं भाजपा प्रत्याशी जसमंत जाटव 65087 वोट ही हासिल कर सके और अपनी विधायकी से हाथ धो बैठे। करैरा विधानसभा में तीसरा दल या कोई निर्दलीय प्रत्याशी परिणामों पर असर डालने में कामयाब नहीं हो सका। करैरा विधानसभा में उपचुनाव में रिकॉर्ड 73.68 प्रतिशत मतदान हुआ था। करैरा विधानसभा में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चार बार सभाएं लीं। इनके साथ वहां गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, स्टार प्रचारक जयभान सिंह पवैया, कें धीय मंत्री नरेंध सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा के साथ भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा की इस पूरी फौज पर कांग्रेस के प्रागीलाल भारी पड़े। कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारक के रूप में सिर्फ कमल नाथ और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सिर्फ एक-एक सभा ली थी। ये सभाएं भी बहुत व्यापक न होकर सीमित रही थीं। कांग्रेस की ओर से यहां पर पिछोर विधायक के पी सिंह कक्काजू प्रागीलाल के लिए जमीन तैयार करने में जुटे थे और इसमें वे कामयाब भी रहे।

प्रागीलाल जाटव पहले राउंड के बाद से ही बढ़त बनाना शुरू कर दी थी। इसके बाद कि सी भी राउंड में वे पीछे नहीं हुए और लगातार बढ़त बनाए रहे। भाजपा प्रत्याशी जसमंत जाटव सुबह मतगणना कें ध पहुंचे, पहले राउंड के परिणाम आने के बाद ही वहां से निकल गए। इसके बाद वे लौटकर नहीं आए। वहीं प्रागीलाल वहां डटे रहे और खुद को बढ़ते हुए देखते रहे। भाजपा प्रत्याशी जसमंत जाटव को लेकर लोगों में शुरुआत से ही थोड़ा विरोध था। करैरा अभयारण्य का मुद्दा भी उनके काम नहीं आया। वहीं प्रचार के दौरान उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे एक अधेड़ महिला को माता की चौकी बैठाने के लिए रुपये देने और वोट नहीं देने पर धमकी देते नजर आए थे।

अपने ही गांव से हार गए हरिवल्लभ, ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्रों में भी नहीं रहा प्रभाव

कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला अपने गांव सेवड़ा में भी एक तरफा मत हासिल नहीं कर सके । सेंवड़ा के दो मतदान कें धों पर उन्हें 702 और सुरेश राठखेड़ा को 501 मत मिले। वहीं सुरेश राठखेड़ा के गांव में उन्हें एकतरफा मत मिले। रांठखेड़ा से सुरेश को 567 मत मिले और यहां हरिवल्लभ शुक्ला 82 वोट हासिल कर सके । छर्च के आदिवासी क्षेत्र में कै लाश कु शवाह को अच्छी संख्या में मत मिले। भटनावर, ऐंचवाड़ा, ककरऊआ जैसे ब्राह्मण बाहुल्य इलाकों में हरिवल्लभ शुक्ला को अधिक मतों की उम्मीद होगी, लेकि न यहां के परिणामों से लगता है कि यहां पर जा पूरे ब्राह्मण वोट उन्हें नहीं मिले हैं। यहां से उन्हें मामूली बढ़त ही मिली। वहीं इस बार धाकड़ मतदाताओं ने सुरेश राठखेडा पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें ही वोट दिए। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि सजातीय उम्मीदवार विनोद धाकड़ कु छ वोट काटेंगे, लेकि न उनके चुनाव लड़ने का सुरेश राठखेड़ा को कोई असर नहीं पडा। सुरेश राठखेड़ा तीसरे ऐसे प्रत्याशी बन गए हैं जो दो बार यहां से चुनाव जीते हैं। पिछले 10 चुनावों से यहां पर ब्राह्मण और धाकड़ उम्मीदवार ही जीते थे। अब तक दोनों जाति के उम्मीदवार 5-5 बार जीते थे, अब धाकड़ उम्मीदवार ने 6वीं बार जीत दर्ज की है।

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