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किसानों और व्यापारी के बीच दीवार बना मॉडल एक्ट, मंडी तक नहीं आ रही पर्याप्त फसल

 


शिवपुरीनया मॉडल एक्ट आने के बाद से मंडियों में फसल की आवक कम हो गई है। व्यापारी फसल खरीदने के लिए मंडी में नहीं आ रहे हैं और किसान बाहर फसल बेचना नहीं चाह रहा है। इसे लेकर किसान विरोध भी कर रहे हैं। नए एक्ट में किसानों को मंडी के बाहर भी अपनी फसल विक्रय करने की अनुमति मिल गई है। अब व्यापारी के ऊपर से भी यह बाध्यता खत्म हो गई कि वह मंडी से ही फसल खरीदे। ऐसे में किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंच जाता है, लेकिन व्यापारी ही नहीं मिलते हैं। मजबूरन उसे मंडी के बाहर फसल बेचना पड रही है जिससे उसे मूल्य में नुकसान उठाना पड रहा है। अंचल में मूंगफली की फसल आ चुकी है, लेकिन मंडी में इसकी आवक कम है। अंचल और खासतौर पर करैरा की मूंगफली सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य प्रांतों में भी प्रसिद्ध है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित अन्य प्रांतों में करैरा की मूंगफली को काजू कहा जाता है।

नहीं लग पा रही डाक, किसान कर रहे प्रदर्शन

व्यापारियों के मंडी में न पहुंचने से फसल की डाक भी नहीं लग पा रही है। कुछ दिन पहले ही किसानों ने डाक न लगने के कारण खनियांधाना में किसानों ने चक्काजाम कर दिया था। अन्य तहसीलों में भी किसान प्रदर्शन कर चुके हैं। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ही डाक शुरू हो पाती है। अभी सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में किसान को बाहर ही फसल बेचना पड रही है और उसे उचित दाम भी नहीं मिल रहा है।

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