पुलिस के हाथों रेमडेसिविर हुए बेकार!:क्राइम ब्रांच ने जब्त किए थे 5 इंजेक्शन, 2 डिग्री से. सुरक्षित रखना था लेकिन मालखाने में रखवा दिए; अब कलेक्टर ने एसपी से कहा- जांच कराएं
पिछले दिनों रेमडेसिविर की काला बाजारी की शिकायत पर ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा पांच इंजेक्शन जब्त किए थे। इनकी जांच की जानी थी कि असली है या नकली। कोविड महामारी के मरीजों के उपचार में सहायक इनको सामान्य तापमान में रखा गया, जिससे मरीज के लिए उपयोगी सिद्ध होने वाले पांच जीवन रक्षक डोज खराब हो गए। यह शिकायत ग्वालियर कलेक्टर के पास बीते रोज आई। शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने एसपी को जांच किए जाने के लिए पत्र लिखा है।
बुधवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को नाका चंद्रवदनी निवासी आशीष चतुर्वेदी द्वारा शिकायत की गई थी, कोविड महामारी के दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की रोकथाम को लेकर पुलिस द्वारा 8 मई को पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए थे। इंजेक्शन जब्त होने के बाद पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किए थे। यह इंजेक्शनों की तत्काल जांच कराई जा सकती थी।
यह जांच DRDO या निर्माता कंपनी के माध्यम से अथवा मालनपुर में स्थित ड्रग्स कंपनी के माध्यम से कराई जा सकती थी। इन इंजेक्शनों को सामान्य तापमान पर नहीं रखना था। इन जीवन रक्षक इंजेक्शनों को 2 से 5 डिग्री तापमान पर सुरक्षित तरीके से रखा जा सकते थे। परंतु पुलिस द्वारा इन जीवन रक्षक डोज को पुलिस मालखाने में जब्त कराए। ऐसा कराए जाने से यह इंजेक्शन की उपयोगिता बेकार हो गई।
ऐसे भी इंजेक्शन की हो सकती थी जांच
शिकायतकर्ता चतुर्वेदी ने कहा है कि इन इंजेक्शनों को उपयाेग में लाकर इनका बैच नंबर व अन्य विवरण को मरीज की फाइल में दर्ज कर सकते थे। ऐसा किए जाने से जरूरत के हिसाब से इंजेक्शन की असली या नकली की जांच निर्माता कंपनी को डिटेल भेजकर कराई जा सकती थी। फिलहाल, शिकायतकर्ता के आवदेन पर कलेक्टर द्वारा मामले की पड़ताल किए जाने को लेकर एसपी को पत्र लिखा जा चुका है।
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