विधानसभा उप निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 55 दमोह की मतगणना रविवार को पॉलीटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। मतगणना कॉलेज के कक्ष क्रमांक 7, 5 और 4 में की जा रही है। कक्ष नंबर 3 में सबसे पहले पोस्टल वैलेट की गणना पूरी हो चुकी है। अब ईवीएम की काउंटिंग शुरू हो गई है। इसमें 2 कमरों में 5-5 टेबल और तीसरे कमरे में चार टेबल लगाई गई हैं। मतगणना के लिए 26 राउंड रखे गए हैं। पहला रुझान 10 बजे तक आएगा। यहां दमोह में दो महिलाओं समेत 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। इधर, भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की भी धड़कनें बढ़ गई हैं। दोनों ही प्रत्याशियों की साख दांव पर लगी है। दोनों अपने-अपने दावे कर रहे हैं।
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- 8:30 तक चलेगी पोस्टल वैलेट की काउंटिंग, फिर शुरू होगी ईवीएम की गणना।
- पोस्टल वैलेट की काउंटिंग खत्म। ईवीएम की काउंटिंग शुरू
17 अप्रैल को हुए थे चुनाव
गौरतलब है, दमोह विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को चुनाव हुए थे। इसमें कुल 59.81% मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था। कोरोना काल में हुए इस उपचुनाव में 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 15% कम मतदान हुआ। 2,39,808 मतदाताओं वाली इस सीट में कुल 359 मतदान केंद्रों में वोट डाले गए थे।
11 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव
मतगणना में शामिल होने वाले 4 सौ से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने कोविड की जांच कराने में लापरवाही बरती। तकरीबन 210 सदस्य ही जांच कराने के लिए पहुंचे, जिनमें से 11 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सवाल यह है कि मतगणना में 375 से ज्यादा लोगों की ड्यूटी स्पष्ट तौर पर लगाई गई है, बाकी के लिए रिजर्व में रखा गया है, लेकिन इसके बाद भी जांच करने में लोगों ने लापरवाही बरती। ऐसे में कौन सा कर्मी पॉजिटिव है या निगेटिव है यह पता नहीं चल पाया है।
दरअसल, आयोग की ओर से जो गाइड लाइन जारी गई थी, उसमें उल्लेख किया गया था कि मतगणना स्थल में प्रवेश करने वालों को पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट या फिर दो टीके लगने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
जिन 11 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसमें एक सपाक्स पार्टी का प्रत्याशी भी शामिल हैं। इसके अलावा बीजेपी का एक पूर्व पार्षद भी शामिल है। पॉजिटिव निकले सभी सदस्यों को मेडिकल टीम ने सूचना देकर होम आइसोलेट होने होने का सुझाव दिया है।
प्रत्याशियों के जीत के दावे
भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह का कहना है कि शहर की जनता ने विकास के मुद्दे पर भाजपा को चुना है। मेडिकल कॉलेज एक बड़ी उपलब्धि मिली है। आने वाले समय में लोगों के लिए यह वरदान साबित होगी। जिस हिसाब से ग्रामीण अंचलों में वोटिंग हुई है। उससे हमारी जीत पक्की है। हम 4 से 5 हजार वोटों से जीत रहे हैं।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन का कहना है कि यह चुनाव शहर की जनता के मान और सम्मान का चुनाव था। जनता ने टिकाऊ और बिकाऊ के मुद्दे को स्वीकार किया है। हमने घर-घर जाकर वोट मांगा है। लोगों ने मुझे भरपूर प्यार दिया है। इसलिए हमारी पार्टी ढाई से 3000 वोटों से जीत रही है।
ऐसा था 2018 का हालत
2018 में बीजेपी प्रत्याशी जयंत मलैया बहुत कम अंतर से हारे थे। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को 2018 के विधानसभा चुनाव में 78,199 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के राहुल सिंह लोधी को 78997 वोट मिले थे। वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से जयंत मलैया को जीत मिली थी, लेकिन यह जीत महज 5000 वोट से ही मिली थी। इसी तरह, 2008 के विधानसभा चुनाव में भी जयंत मलैया मात्र 130 वोटों से ही जीते थे। इस चुनाव में हार जीत में सिर्फ 0.1 फ़ीसदी वोटों का ही अंतर रहा।
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