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गुजरात की ओर बढ़ रहा तूफान, मुंबई सहित उत्तरी कोंकण में तेज हवा के साथ भारी बारिश का अलर्ट



गुजरात और महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों पर अरब सागर में बन रहे चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से मुंबई सहित उत्तरी कोंकण में कुछ स्थानों पर रविवार से ही तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। यह तूफान 18 मई की सुबह गुजरात के पोरबंदर और महुआ कोस्ट के बीच से गुजरेगा।

IMD के मुताबिक शनिवार देर रात 2.30 बजे ये चक्रवात गोवा के पणजी तट से 150 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 490 किलोमीटर दक्षिण, गुजरात के वेरावल से 880 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में था। तूफान के दौरान बारिश के साथ 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। महाराष्ट्र, केरल और गुजरात के तटों पर तीन दिन तक तूफान का असर रहने की आशंका है। तूफान का असर तमिलनाडु और कर्नाटक में भी हो सकता है। इस चक्रवात को म्यांमार ने 'ताऊ ते' नाम दिया है।

मोदी ने हाईलेवल मीटिंग की
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाईलेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से बताया गया कि मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे। गृह मंत्रालय 24 घंटे इस पर नजर बनाए रखेगा और राज्यों के संपर्क में रहते हुए फौरन जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाएगा।


NDRF की 53 टीमें अलर्ट पर
NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने शुक्रवार को बताया- NDRF की 53 टीमों को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों पर तैनात किया जा रहा है।
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गुजरात पर सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।

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