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इंटरनेट के साइड इफेक्ट:महंगे शौक, लक्जरी लाइफ के जुनून से नाबालिग बन रहे चोर और लुटेरे

 


ग्वालियर महंगे कपड़े, जूते, मोबाइल और लक्जरी लाइफ का जुनून नाबालिगों को अपराध के रास्ते पर धकेल रहा है। इस शौक को पूरा करने के लिए वे चोरी, लूट और अपहरण तक कर रहे हैं। मोबाइल पर दिनभर इंटरनेट का इस्तेमाल करने का असर भी नाबालिगों पर दिख रहा है।

पोर्न वीडियो देखकर वे छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध भी करने लगे हैं। ग्वालियर में पिछले डेढ़ साल के पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि चोरी, लूट, अपहरण, हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों में 160 नाबालिग पकड़े गए।

पुलिस अफसरों का कहना है- किशोरों में आपराधिक प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। इसमें कई किशोर तो अच्छे घरों से हैं, लेकिन गलत संगत और महंगे शौक ने इन्हें अपराधी बना दिया। दैनिक भास्कर ने 1 जनवरी 2020 से 15 जून 2021 के बीच करीब डेढ़ साल में पकड़े गए नाबालिग अपराधियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अलग-अलग थानों से बाल अपराधियों के पकड़े जाने का आंकड़ा लिया। इसमें यह हकीकत सामने आई।

कोरोना काल असर

कोरोना काल में नाबालिग अपराधी तेजी से बढ़े हैं। 2019 में नाबालिग अपराधियों की तुलना में 2020 में 20 प्रतिशत तक बढ़ गए। कोरोना काल में नाबालिगों पर दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले भी अधिक दर्ज हुए।

इन तीन मामलों से समझें अपराध की प्रवृत्ति

  • पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और छेड़छाड़ के 31 मामलों में पकड़े गए नाबालिग अपराधियों से जुड़े 10 मामले ऐसे थे जिनमें आरोपी पोर्न वीडियो देखता था। इसमें से कुछ आरोपियों ने तो अपने रिश्तेदार, साथ में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ ही गलत काम किया।
  • चोरी और लूट के 23 मामलों में आरोपियों नेे लक्जरी लाइफ स्टाइल के लिए वारदात की। एक 16 वर्षीय आराेपी ने गर्लफ्रेंड को गिफ्ट देने के लिए चेन लूटी। कंपू पुलिस ने नाबालिग लुटेरों की ऐसी गैंग पकड़ी जो पार्टी करने और शहर के बाहर घूमने के लिए वारदात करती थी।
  • नाबालिगों में रंगदारी का चलन भी बढ़ा है। अपने घर के आसपास रंगदारी, मारपीट और गुंडागर्दी मेंं ही 17 आरोपी पकड़े गए थे। इनमें से कुछ मामलों में तो अवैध हथियार से गोली भी चलाई।


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