भोपाल प्रदेश में बाघों की संख्या 600 हो सकती है। यह अनुमान वन विभाग के अफसरों का है। इसका आधार बुधवार से शुरू हुई बाघ गणना में मिले प्रमाण हैं। अधिकारियों का कहना है कि पूर्व की तुलना में इस समय बाघ अधिक दिख भी रहे हैं। ये ट्रैप कैमरों के माध्यम से कैप्चर हुए हैं। अभी प्रदेश में 526 बाघ हैं।
भोपाल वन मंडल के एसडीओ आरएस भदौरिया ने बताया कि चार चरणों में बाघ गणना का काम जनवरी 2022 तक चलेगा। पहले चरण में होने वाली गणना में भाेपाल शामिल है। मंडल की 45 बीट में सात दिनों तक बाघ सहित विभिन्न वन्य प्राणियों के डाटा एकत्रित किए जा रहे हैं। शाकाहारी व मांसाहारी वन्यप्राणियों की गिनती करने के साथ बाघों की मौजूदगी का डाटा कलेक्शन इस बार पेपरलेस हाईटेक तकनीक से किया जा रहा है।
इन तीन तरीकों से निष्कर्ष निकलेगा
- तीन-तीन दिन बीट गार्ड नेचर ट्रेल और ट्रांजिट लाइन पर चलकर एप में डेटा फीड करेंगे।
- डेटा को डब्ल्यूआईआई एनालिसिस करेगा। सभी मोबाइल एप के डेटा का एकजाई डाटा सामने आएगा।
- कैमरा ट्रैप में रिकॉर्ड बाघ मूवमेंट व रहवास क्षेत्रों के सभी फोटो और वीडियो का एनालिसिस होगा।
कहां, कौन ज्यादा-
समरधा रेंज में बाघ और बैरसिया में तेंदुए ज्यादा-
भोपाल वनमंडल की समरधा रेंज में बाघ और बैरसिया रेंज में तेंदुए की उपस्थिति के साक्ष्य ज्यादा मिले हैं। पहले गणना का डाटा तय प्रोफार्मा में कागजों में भरकर भेजा जाता था लेकिन एम स्ट्राइप इकोलॉजिकल एप पर डाटा मौके पर ही भरा जा रहा है, जिसे डब्ल्यूआईआई को भेजा जाएगा। इससे गणना का काम तेजी से होगा। वहीं, बाघों की गिनती का नतीजा जल्द सामने आएगा। गणना के दौरान वनकर्मियों ने पैदल चलकर मौके पर मिले साक्ष्य मल, खरोंच के निशान, शिकार का अंश, पगमार्क आदि को एप के कॉलम में फीड किया।
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