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ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन हेतु दिशा-निर्देश जारी

मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आबादी की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना प्रारंभ की गई है। कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन हेतु जारी दिशा निर्देशों के तहत कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
   आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर शासकीय योजनाओं एवं बैंक से आवास ऋण प्राप्त करने में सहायता हो सकती है। अतः राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में आबादी क्षेत्र की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना प्रारम्भ की जा रही है।

    भूमिस्वामी अधिकार पत्र प्रदाय करने की प्रक्रिया

   भूमिस्वामी अधिकार पत्र हेतु आवेदन करने के लिये जो आवेदक पात्र नहीं होंगे। उनमें आवेदक परिवार के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिये आवास है। आवेदक परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है। आवेदक परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिये पात्रता पर्ची धारित नहीं करता है। आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता है। आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में है। आवेदक का नाम उस ग्राम में जहां वह आवासीय भू-खण्ड चाहता है, दिनांक 01 जनवरी को प्रचलित मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। आवेदन करने के लिये वही आवेदक परिवार पात्र होंगे जो संबंधित ग्राम के निवासी हों तथा परिपत्र की कण्डिका 6 (एक) अनुसार अनर्हतायें नहीं रखते हों।

आवसीय भू-खण्ड प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन ‘‘सारा’’ पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा आवेदन

   आवसीय भू-खण्ड प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन ‘‘सारा’’ पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव एवं पटवारी को परीक्षण/प्रतिवेदन हेतु ऑनलाइन सारा एप पर प्रेषित किया जायेगा।  तहसीलदार पात्र, अपात्र आवेदकों की सूची पर ग्राम सभा का अभिमत प्राप्त होने पर विधिवत् परीक्षण कर पात्र आवेदको को भू-खण्ड आवंटन हेतु आदेश पारित करेगा। तहसीलदार द्वारा ऐसे आबादी क्षेत्रों में यदि खुली भूमि हो तो  ले-आउट तैयार करने की कार्यवाही की जायेगी तथा पात्र आवेदकों को पति एवं पत्नी के संयुक्त नाम से उपलब्धता के आधार पर भूमिस्वामी अधिकार पत्र प्रदाय किये जायेगें।

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