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ग्वालियर में वैक्सीनेशन में गड़बड़ी:दूसरा डोज नहीं लगवाने वाले को मोबाइल पर मिला मैसेज

 


MP के ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग पर दिसंबर तक 100 % टीकाकरण का टारगेट है। टेंशन का असर साफ दिखाई दे रहा है। कई ऐसे लोगों को वैक्सीन लगा दी गई है जो अभी तक सेंटर तक नहीं पहुंचे हैं। इनके मोबाइल पर फुली वैक्सीनेट के मैसेज आकर इनके सार्टिफिकेट भी डाउनलोड हो रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला बुधवार को सामने आया है। एक युवक को सात दिन पहले ही वैक्सीन लगाने का मैसेज आ गया है, जबकि उसका कहना है कि उसने वैक्सीन का सेकेंड डोज लिया ही नहीं है। यह मामला भितरवार स्वास्थ्य केन्द्र का है। सबसे ज्यादा शिकायत भितरवार की ही आ रही हैं। कुछ दिन पहले यहां एक मृत बुजुर्ग को वैक्सीन लगाकर सार्टिफिकेट जारी कर दिया गया था। इस पर CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने इसे टेक्निकल एरर बताया है।

-यह है पूरा मामला

 ग्वालियर के भितरवार निवासी नीरज साहू ने 21 जून 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगवाई गई थी। उनको कोविशील्ड का टीका लगा था और रजिस्ट्रेशन के उन्होंने अपने ही मोबाइल नंबर का यूज किया था। अभी 17 नवंबर 2021 को नीरज के पास एक मैसेज आया जिसने लिखा था कि आपको वैक्सीन का दूसरा डोज सफलता पूर्वक लग गया है। अब आप अपना फुली वैक्सीनेट सार्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। यह देखकर वह आश्चर्य चकित रह गए। इसके बाद वह भितरवार स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे तो यहां उन्होंने पता किया पर किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी।

डाउनलोड किया सार्टिफिकेट
- जब नीरज ने सार्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसमें यह डिटेल थी। पहला डोज 21 जून 2021 को भितरवार स्वास्थय केन्द्र में लगा है। दूसरा डोज 17 नवंबर 2021 को लगा है, जबकि वह डोज लगवाने गए ही नहीं है। इसके बाद भी उनको वैक्सीन लगना बता दिया गया है। मामले की शिकायत उन्होंने ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग में की है।
लगातार मिल रही हैं शिकायतें
- कोविड की तीसरी संभावित लहर से पहले शासन 100 % वैक्सीनेशन पूरा करना चाहता है। ऐसे में शासन की ओर से सभी बड़े जिलों को दिसंबर तक 100 फीसदी टीकाकरण करने का टारगेट दिया गया है। इसके बाद लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। 3 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके सेकेंड डोज की डेट निकल चुकी है, लेकिन वह वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे हैं। इसी कारण आनन-फानन में यह टारगेट पूरा कर ने का काम किया जा रहा है।
CMHO ने बताया टेक्निकल एरर
- इस मामले में CMHO डॉ. मनीष शर्मा से जब बात की गई तो उनका कहना था कि यह कैसे हो गया। वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे। वैसे उन्होंने इसे टेक्निकल एरर बताया है। गलती पर कार्रवाई की बात भी कही है।




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