“मुझे एक दिन भी मतलब नहीं है, अगर एक दिन भी डिले हुआ तोहम मैं फांसी टांग दूंगा”, यह शब्द है ग्वालियर जिले के कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के, जिन्होनें आज तहसील में अधिकारियों के साथ बैठक ली। कौशलेन्द्र विक्रम सिंह मंगलवार को जब भितरवार पहुंचे और वहां उन्होनें अधिकारियों से टीकाकरण की जानकारी ली। जानकारी के दौरान जब उन्हें पता चला कि अधिकारियों द्वारा टीकाकरण में लापरवाही बरती जा रही है तो वह आग बबूला हो उठे और वहां बैठे अधिकारियों से टीकाकरण शिविर न लगने का कारण पूछा। अधिकारीयो के जवाब पर उन्होनें कहा “मुझे को मतलब नहीं है अगर एक दिन भी डिले होगया तो में फांसी टांग दूंगा।”
हुआ यह कि अधकारियों कि बैठक के दौरान जब विक्रम सिंह को पता चला कि तहसील में बीते चार दिन से टीकाकरण शिविर का आयोजन नहीं किया गया तो उन्होनें इस बात का जवाब अधिकारी के माँगा। अधिकारी के टालमटोल जवाब पर वे नाराज़ हो गए और यह बयान दिया। इसके अलावा उन्होनें अधिकारीयों से इस बात कि जानकारी SDM भितरवार को न देने का कारण पुछा । उपयुक्त जवाब न मिलने पर उन्होनें कहा कि मुझे मतलब नहीं कि आप टीकाकरण कैसे करेंगे पर मुझे शतप्रतिशत टीकाकरण चाहिए।
जब कलेक्टर ने अधिकारी से टीकाकरण के आंकड़ों कि सूची पर सवाल किया तो उन्हें कोई संताषजनक जवाब नहीं मिला। बार बार आंकड़ों कि सूची मांगने पर भी मौजूद अधिकारी जब सीधा जवाब नहीं दे सके तो उन्होंने कहा कि मुझसे झूठ न बोलें मुझे सही सूची लाकर दें।
आपको बता दें कोरोना को लेकर शिवराज सरकार इस वक़्त काफी सख्त है। ओमीक्रॉन के केसेस के बाद मध्य प्रदेश के सभी जिलों में सख्ती और कार्यवाही बढ़ा दी गई है। कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लोगों से मास्क आवश्यक रूप से पहनने की बात कही थी। ऐसी में अधिकारीयों द्वारा लापरवाही बरतना वाकई में किसी बड़े गुनाह से कम नहीं है।
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