क्वारी नदी के दोनों किनारों पर बसे विजयपुर नगर में सौंदर्यीकरण के साथ मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत क्वारी नदी के घाटों को विकसित कर पक्के घाट बनाने की योजना वर्ष 2016 में तैयार की गई थी। इस योजना के तहत क्वारी नदी के घाटों का सौंदर्यीकरण करने के साथ पिकनिक स्पॉट और लाइटिंग की व्यवस्था घाट पर करना थी।
इसके लिए करीब 1 करोड़ रुपए के टेंडर वर्ष 2017 में किए गए। लेकिन सालों गुजर जाने के बाद काम शुरू नहीं किया गया। अब नियमित इंजीनियर के अभाव में इन घाटों का निर्माण कार्य खटाई में नजर आ रहा है। टेंडर जारी होने के पांच साल बाद भी इस घाट पर एक ईंट भी नहीं लग सकी है।
स्थानीय लोगों के लिए नगर में एक भी जगह ऐसी नहीं बची हैं जहां घूमने के लिए जाया जाए। नगर के लोगों के पास पार्क की सुविधा भी नहीं है। जिससे लोगों में आक्रोश की स्थिति देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत नदी के किनारे चार स्नान घाट बनाने की तैयारी थी। स्नान घाट के लिए स्थान का चयन भी कर लिया गया।
इसके साथ ही यहां हरियाली और रोशनी का प्रबंध भी किया जाना था। जिससे क्वांरी नदी के घाटों को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सके। यह काम नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा वर्ष 2016 में स्वीकृत किए गए थे, लेकिन 6 साल गुजर जाने के बाद भी निर्माण कार्य के लिए एक ईंट भी नहीं लग सकी।
वर्ष 2019 में एक बार फिर इस कार्य को शुरू कराने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन यहां पदस्थ इंजीनियर का स्थानांतरण हो जाने के बाद यह काम शुरू नहीं हो सका। नप में विभिन्न कार्य करने के लिए अस्थाई तौर पर सबलगढ़, जौरा और श्योपुर से अस्थाई रूप से पदस्थ हुए स्थाई इंजीनियर के अभाव में घाटों के निर्माण कार्य की प्रक्रिया को शुरू नहीं कराया जा सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर में एक भी ऐसी जगह नहीं जहां लोग घूमने और ताजी हवा लेने के लिए जा सकें। इससे लोगों नगरीय प्रशासन विभाग के प्रति नाराजगी पैदा हो रही है।
फरवरी से मई के बीच ही किया जा सकता है घाटों का निर्माण कार्य
क्वारी नदी में घाटों को पक्का करने का कार्य फरवरी से लेकर मई के बीच किया जा सकता है। क्योंकि इस सीजन में नदी का जलस्तर घटना शुरू हो जाता है। जिससे काम करने में आसानी आती है। मई और जून के बीच ही बारिश दस्तक देती है जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने पर घाटों पर कार्य नहीं कराया जा सकेगा। जबकि घाट भी पानी में डूब जाएंगे।
वजह... वर्ष 2019 से परिषद में इंजीनियर का चल रहा है टोटा
नगर परिषद विजयपुर में वर्ष 2019 से स्थाई इंजीनियर का टोटा बना हुआ है। इससे पहले अभय प्रताप सिंह चौहान पदस्थ किया गया था। लेकिन वर्ष 2019 में उनका ट्रांसफर हो गया। इसके बाद तीन महीने के लिए अस्थाई रूप से सबलगढ़ नप के इंजीनियर विजयपुर में पदस्थ किया गया।
इसके बाद जौरा नप के इंजीनियर को विजयपुर में अस्थाई रूप से पदस्थ किया गया। सबसे अंत में श्योपुर नगर पालिका से अस्थाई रूप से एक इंजीनियर की व्यवस्था की गई। लेकिन विजयपुर की श्योपुर से दूरी 160 किमी होने के चलते यह इंजीनियर 15 दिन में एक बार अपनी सेवाएं देने के लिए पहुंच पाते हैं।
22 हजार की आबादी के लिए पार्क की सुविधा नहीं
विजयपुर नगरीय क्षेत्र की सीमा में करीब 22 हजार की आबादी निवास करती है। लेकिन इस आबादी को शांति का वातावरण प्राप्त के लिए एक अदद पार्क की सुविधा नहीं है। नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा 32 लाख रुपए की लागत से वर्ष 2014 में पार्क का निर्माण कराया गया था, लेकिन फोरलेन निर्माण में इसका एक हिस्सा चला गया।
नवंबर के महीने में जमीन की नापजोख कराकर उसमें तिकोना पार्क बनाने की योजना पर काम तो शुरू किया गया। लेकिन तीन तीन महीने गुजरने के बाद इंजीनियर के अभाव में अमल नहीं हो पाया है
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