मध्यप्रदेश में 3 साल से त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव का इंतजार हो रहा है परंतु कभी कोरोनावायरस, कभी रोटेशन, कभी परिसीमन और कभी आरक्षण के नाम पर चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को टाला जा रहा है। ताजा खबर आ रही है कि शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का चुनाव कराने के मूड में नहीं है।
क्या भाजपा डरी हुई है
भाजपा के आलोचकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी डरी हुई है। पेट्रोल के बढ़ते दाम और उसके कारण बढ़ रही महंगाई के चलते पार्टी ने नई रणनीति बनाई है। उसे लगता है कि यदि सन 2022 में कोई भी चुनाव कराया तो उसे विधानसभा चुनाव 2023 का सेमीफाइनल कहा जाएगा। कुछ दिनों पहले पचमढ़ी में हुए चिंतन और समिधा में हुए मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि जनता नाराज है और गुस्से में नेगेटिव वोटिंग कर सकती है। यदि सेमीफाइनल हार गए तो फाइनल जीतना मुश्किल हो जाएगा
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